रायपुर। कोरोना का कहर इस कदर बढ़ गया है कि अब नक्सली भी इससे खौफ खाने लगे है. माओवादी बटालियन कमांडर हिड़मा कोरोना संदिग्ध नक्सलियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाने लगा है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब महिला नक्सली सुमित्रा की संगठन से छुट्टी कर दी गई. मामला बीजापुर जिले का है.
डीआरजी के जवानों को सर्चिंग के दौरान मोदकपाल थाना इलाके के पेद्दाकवाली जंगल में सदिग्ध परिस्थिति में एक महिला मिली. जिससे पूछताछ करने पर उसने अपना नाम सुमित्रा चापा (32 वर्ष) मोदकपाल निवासी बताया. उसने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि 2010 से माओवादी संगठन में भर्ती होकर विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए वर्तमान में बटालियन में कंपनी नम्बर 1 के प्लाटून नम्बर 3 की सक्रिय सदस्य के रूप में कार्यरत थी.
कोरोना से नक्सली संगठन में मचा हड़कंप
महिला नक्सली सुमित्रा ने आगे बताया कि उसे कुछ दिनों सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर बटालियन के माओवादी कोरोना होने की आशंका जताते हुए बटालियन से छुटटी कर दी. जिसके बाद सुमित्रा अपने परिजनों के पास आने के लिए पेद्दाकवाली जंगल में आकर रूकी हुई थी. उसने बताया कि संगठन में अन्य कई माओवादी सदस्यों को भी सर्दी, खांसी, बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत है. बटालियन के माओवादी कोरोना संक्रमण के भय से घबरा गए है और कोरोना बीमारी को लेकर बटालियन में हड़कंप मचा हुआ है. यही वजह है कि बटालियन में माओवादियों कोरोना के लक्षण दिखने पर उन्हें संगठन से छुट्टी दे दी जा रही है.
क्वारंटारइन सेंटर में है सुमित्रा
जवानों ने सुमित्रा को हिरासत में लेकर अस्पताल में कोरोना संक्रमण का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर क्वारंटारइन में रखा है. क्वारंटाइन अवधि पूरा होने के बाद विस्तार से पूछताछ किया जाएगा. इस संबंध में बीजापुर बीएमओ विजय पाकेटी ने बताया कि अभी क्वारंटाइन सेन्टर में रखे हैं. कोरोना सैंपल नहीं लिया गया है. हॉस्पिटल में जांच के दौरान कोरोना जैसे कोई लक्षण अभी तक नहीं दिखाई दिए है.
आईजी-एसपी ने की ये अपील
बस्तर रेंज पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि सुमित्रा चापा जैसे कोरोना के भय से माओवादी संगठन छोड़कर वापस गांव आने वाले माओवादी कैडरों के बारे में नजदीकी पुलिस थाने में सूचना जरूर दें. जिससे उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा सके.