बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सली दंपत्ति ने तेलंगाना के वारंगल जिले में पुलिस कमिश्नर पी प्रमोद कुमार के सामने सरेंडर किया है. दोनों नक्सली मुख्यधारा में लौटकर अपने परिजनों के साथ रहना चाहते हैं, इसलिए आत्मसमर्पण करने का फैसला किया.
जानकारी के मुताबिक 32 वर्षीय यमल नरेंद्र उर्फ संपत बीजापुर का रहने वाला है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में माओवादी पार्टी एरिया कमेटी और वाजेदु वेंकटपुरम एरिया कमेटी कमांडर, तेलंगाना स्टेट कमेटी कम्युनिकेशन इन-चार्ज और एक्शन टीम कमांडर के सदस्य हैं. जबकि नक्सली पोडियम देवी तेलंगाना स्टेट कमेटी कम्युनिकेशन इन-चार्ज और एक्शन टीम कमांडर यमल नरेंद्र उर्फ संपत का 2018 में माओवादी पार्टी से परिचय हुआ. दोनों ने गाँव में दैनिक श्रम करते हुए 2019 में शादी की थी.
ये मिली थी जिम्मेदारी
नक्सली यमल नरेंद्र 2006 में माकपा में शामिल हुआ. पार्टी के निर्देशों के अनुसार 2007 में जम्पन्ना सुरक्षा प्रभाग के सदस्य के रूप में और ओडिशा-आंध्र ओडिशा सीमा पर 2008 से 2010 तक जम्पन्ना के नेतृत्व में सेवा की. 2010 में उसे संचार विभाग द्वारा गांडीकोटा माल्या उर्फ किरण के तहत वॉकी-टॉकी तैयार करने और माओवादी पार्टी को प्रभार सौंपने के लिए प्रशिक्षित किया गया था. 2011 में वह केंद्रीय क्षेत्र समिति में एक क्षेत्र समिति के सदस्य बने और 2015 में वह तेलंगाना राज्य समिति में संचार विभाग के प्रभारी था.
इन घटनाओं में था शामिल
यमल नरेंद्र के खिलाफ 6 से अधिक पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें दो अलग-अलग गोलीबारी के आरोपी नरेंद्र शामिल हैं. मुख्य रूप से 2007 में छत्तीसगढ़ में, साथ ही चार पुलिसकर्मी जो 2009 में दमोह इलाके में गोलीबारी में मारे गए थे. यमल नरेंद्र भी इस घटना में सीधे तौर पर शामिल था. नरेंद्र 2012 में कर्णपल्ली और छत्तीसगढ़ में एर्रेली वन क्षेत्र में गोलीबारी में शामिल था और पुलिस को मारने के लिए 2017 में चित्तूर क्षेत्र में बारूदी सुरंग विस्फोट करने का आरोप लगाया गया था.