आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। वरिष्ठ माओवादी नेता कट्टी मोहन उर्फ प्रकाश उर्फ दामू दादा की मृत्यु की तेलंगाना स्टेट कमेटी के सीपीआई माओवादी ने पुष्टि की है. संगठन ने दामू दादा की मौत जहां हार्ट अटैक से होने की बात कही गई है, वहीं दूसरे सूत्र कोरोना से मौत की बात कह रहे हैं. 

महबूबाबाद जिले के बयाराम मंडल के सदस्य मोहन राव 1982 में क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल हुए और आरएसयू में शामिल हो गए, जहां वे 39 वर्षों से लड़ रहे हैं. बताया जाता है कि मोहन राव छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों के मेंटर थे. यहां वे नक्सलियों द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे.

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बताया जाता है कि पीएलजीए बल इस महीने की 10 तारीख को उनके डेरे पर गए और दामू दादा का इलाज किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दामू दादा के निधन के बाद माओवादियों ने उनके परिवार को शव देने में असमर्थतता जताते हुए स्वयं इस महीने की 11 तारीख को दंडकारण्य वन क्षेत्र में अंतिम संस्कार किया. दंडकारण्य में अनेक माओवादियों के कोरोना से संक्रमित होने की बात कही जा रही है.

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