शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति-2023 को लागू कर दिया है।इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। 22 अगस्त को कैबिनेट ने इस नई नीति को मंजूरी दी थी। इससे पहले साल 1997 में 26 वर्ष के लिए नीति बनाई गई थी।
नई नीति को लेकर कई राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन किया गया था। आदेश के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को जमीन/अचल संपत्ति खरीदने के लिए 20 लाख रुपए दिए जाएंगे। व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख, मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
नक्सलियों को आधुनिक हथियार सौंपने पर साढ़े चार लाख रुपए दिए जाएंगे। एके-47/56 और 74 जैसे हथियार सौंपने पर साढ़े तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। सरेंडर के बाद पहली शादी के लिए रुपये भी दिये जायेंगे। वहीं नक्सली हिंसा में नागरिक की मृत्यु होने पर स्वजन को 15 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। सुरक्षा कर्मी की मृत्यु पर स्वजन को 20 लाख और शारीरिक अक्षमता पर चार लाख रुपये देने का प्रविधान किया है।
समर्पण करने वाले नक्सलियों के राहत एवं पुनर्वास के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। जिनके खिलाफ मामले दर्ज हैं, उन्हें ही नक्सली माना जाएगा। समिति को आत्मसमर्पण के संबंध में जांच के बाद 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण के प्रस्ताव पर निर्णय लेना होगा।
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