दंतेवाड़ा, पंकज भदौरिया- किरंदुल के पेरपा गांव के समीप 2 मई 2019 को हुई पुलिस मुठभेड़ को नक्सलियों के मलिंगेर एरिया कमेटी ने फर्जी बताया है. आरोप लगाया कि पंचायत अरनपुर गांव पटेल पारा के मयू मंडावी पिता सोमडू मंडावी रिश्ता देखने पेरपा गांव गए हुए थे. मुखबिर से सूचना प्राप्त कर डीआरजी जवान उनके पीछे पड़ गए. मूया रिश्ता देखकर अपने घर वापस आ रहे थे. इस दौरान पुलिस पीछे से आकर निहत्थे मूया मंडावी पर अचानक अंधाधुन फायरिंग कर दी. भागते हुए मूया को दौड़ाते हुए फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने के बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई. उनके साथ मौजूद एक युवक को पुलिस उठा कर ले गई, जिसका अभी तक कोई पता नहीं है.

मूया मंडावी पहले दक्षिण बस्तर डिविजन में काम करता था. लेकिन बीच में नक्सली विचारधारा को छोड़कर वापस गांव आ गया था. गांव में खेती कर जीवन यापन रहा था. इनको पुलिस ने झूठी मुठभेड़ में मार दिया. मूया के पास न तो कोई  हथियार मिला ना वे 24 पीएल कमांडर थे. मलिंगेर एरिया में पीएलजीए द्वारा हुई घटना में इनका कोई ताल्लुक नहीं हैं.

नक्सलियों के इस आरोप को दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने निराधार बताया है. एसपी ने कहा कि वह किसके साथ आया था. किसकी गाड़ी में आया था. ये क्यों नहीं बताया. लगातार नुकसान होने की वजह से नक्सली बौखला गए हैं.

एसपी ने कहा कि ग्रामीण नहीं मरा है ये खुद नक्सली पर्चा फेंक कर मान रहे हैं. वो बटालियन नंबर 1, 2 और 3 में था. लगातार उसकी बात देवा विनोद से होती थी. उसकी सबूत है हमारे पास. एक दिन पहले विस्फोट करने की बात सामने आई थी. इसमें कोई शक नहीं है. वहां वो तीन लोगों के साथ गया था वो हमें भी पता है. जिसमें छोटा हिड़मा भागने में सफल रहा. एक को गिरफ्तार किया.

अपने तो कहा है कि एक लाश मिली है. लगातार नक्सलियों को नुकसान हो रहा है. इस वजह से नक्सली बौखला गए हैं. खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे वाली बात है. अभी फिलहाल पांच छह लोग मारे गए हैं, लेकिन साबित नहीं कर पाए कि वे सिर्फ ग्रामीण है.