आशुतोष तिवारी, बस्तर। छत्तीसगढ़ में नक्सल मुद्दे पर शांति वार्ता की संभावनाओं को लेकर माओवादियों की केंद्रीय समिति ने अपने सुर बदल लिए हैं। केंद्रीय समिति प्रवक्ता अभय और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी प्रवक्ता विकल्प ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि बदली हुई परिस्थितियों में संगठन हथियार नहीं छोड़ेगा।

प्रेस नोट में कहा गया है कि माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू द्वारा हाल ही में शांति वार्ता को लेकर जारी किए गए पत्र से केंद्रीय समिति का कोई संबंध नहीं है। समिति ने इसे व्यक्तिगत राय बताते हुए उससे खुद को अलग कर लिया है।

बसवराजु के प्रयासों पर आपत्ति

केंद्रीय समिति ने आरोप लगाया कि बसवराजु द्वारा शांति वार्ता को लेकर किये गए प्रयास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। समिति का कहना है कि शांति वार्ता को लेकर मत जानने का प्रयास करने से संगठन में टूट होगी। हथियारबंद संघर्ष को स्थायी रूप से त्यागना मतलब क्रांतिकारी पार्टी को संशोधनवादी पार्टी में बदलना है। तीन पन्नों के प्रेस नोट में एक बार फिर माओवादियों ने शांति वार्ता की बात से पलटी मारी है।

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