आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सरकार की रणनीति सफल होती नजर आ रही है। आत्मसमर्पण और एन्टी नक्सल ऑपरेशंस के तहत बड़ी संख्या में माओवादी सरेंडर कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मार गिराए जा रहे हैं। पुलिस की रणनीति से बौखलाए नक्सलियों में अब दो फाड़ होता हुआ नजर आ रहा है। ताजा मामले में 5 नक्सलियों की हत्या से जुड़ा हुआ है, जो कि खुद उन्हीं के साथी माओवादियों ने अंजाम दिया है।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि बस्तर के अंदरूनी इलाको में लगातार नक्सलियों का जनाधार कम होता जा रहा है और नक्सल संगठन से जुड़े स्थानीय कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। जिससे नक्सलियों में बोखलाहट बढ़ती जा रही है और यही वजह है कि जो नक्सली ग्रामीणों के हित मे बात कर रहा है या संगठन को आत्मसमर्पण का संदेह हो रहा है तो ऐसे नक्सलियों को खुद नक्सली मौत के घाट उतार रहे है।

ताजा मामला बीजापुर जिले के पीडिया का है। जहाँ कुछ दिन पूर्व नक्सलियों ने अपने ही डिविजनल कमांडर की हत्या कर दी थी और अब 5 और नक्सली कमलू पूनम, संदीप पुरसम, संतोष, लखमू हमला,दसरू मंडावी की खुद नक्सलियों ने ही हत्या कर दी है। इस बात की पुष्टि करते हुए बस्तर आईजी ने बताया कि लगातार ऐसे मामले और बढ़ेंगे क्योकि अब जनता नक्सलियों की सच्चाई जान गई है और नक्सलियों का साथ देने से बच रही है।

ऐसे में नक्सली ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बिल्कुल करेंगे, पर जो स्थानीय नक्सली ग्रामीणों का हित चाहता है वे इस बात का विरोध करेंगे। जिससे नक्सलियों के बीच विवाद बढेगा और ऐसे नक्सलियों के पास फिर आत्मसमर्पण के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा या फिर खुद अपने संगठन के हाथों वो मारे जाएंगे।