सुशील सलाम, कांकेर। उत्तर अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच तीन दिन पहले हुई मुठभेड़ में जवानों ने दो महिला समेत पांच वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया है. सफल ऑपरेशन के बाद जवानों की अंतिम टुकड़ी आज जंगल से वापस कैंप पहुंची. इस मुठभेड़ में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने बड़ी साजिश रची थी, जिसे जवानों ने नाकाम कर दिया है. नक्सलियों ने जवानों को जाल से फंसाने के लिए घटनास्थल पर स्पाइक होल बनाया था. इसका खुलासा जवानों ने किया है, जिसका वीडियो भी सामने आया है.
जवानों को स्पाइक होल के जाल से फंसाने रची थी साजिश
जिस जगह मुठभेड़ हुई थी उस जगह नक्सलियों ने गहरी साजिश रची थी. नक्सलियों ने जवानों को फंसाने के लिए जगह-जगह स्पाइक होल बना रखे थे. सुरक्षाबलों की सतर्कता और सूझबूझ से ये साजिश विफल हो गई. सर्चिंग अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को 10 से अधिक स्पाइक होल मिले. जवानों की वापसी के बाद इसका राज खुला.
ऐसे शुरू हुई थी मुठभेड़
यह मुठभेड़ 16 नवंबर को सुबह 8 बजे उस समय शुरू हुई, जब डीआरजी, एसटीएफ और बीएसएफ की संयुक्त टीम उत्तर अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्चिंग अभियान पर गई थी. इस मुठभेड़ में जवानों ने 5 नक्सलियों को मार गिराया गया. मारे गए सभी नक्सलियों पर इनाम घोषित था. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कब्जे से INSAS राइफल, SLR राइफल, 12 बोर की 3 राइफलें और BGL (बैरेल ग्रेनेड लॉन्चर) सहित बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं. इस मुठभेड़ में दो जवान भी घायल हुए हैं, जिनका इलाज रायपुर के निजी अस्पताल में जारी है.
मारे गए नक्सलियों की पहचान
मारे गए नक्सलियों की पहचान हो चुकी है. ये सभी नक्सली संगठन के महत्वपूर्ण सदस्य थे और उन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था.
वनोजा मिचा कराम (42 वर्ष) – डीवीसीएम कमांडर, उत्तर-दक्षिण डिवीजन प्रेस टीम, हथियार: INSAS.
संतोष कोरचामी (35 वर्ष) – डीवीजन स्टॉप/प्रेस टीम सदस्य, हथियार: शिंगल शॉट.
मनेष उर्फ काजू सैनू पदा (35 वर्ष) – पीएलजीए कंपनी नंबर 10 सदस्य, हथियार: 12 बोर.
सुरेश उर्फ नागेश गावडे (30 वर्ष) – उत्तर-दक्षिण डिवीजन स्टॉप/प्रेस टीम सदस्य, हथियार: 12 बोर.
पुनिता (21 वर्ष) – नक्सली सदस्य, हथियार: एसबीएल.
जवानों की अंतिम टुकड़ी भी लौटी
5 नक्सलियों को ढेर करने वाले जवानों ने 4 रात नक्सलगढ़ के जंगल में बिताई. उसके बाद आज जवानों की अंतिम टुकड़ी भी कैंप वापस लौटी. नदी पार कर वापस आते जवानों का वीडियो सामने आया है, जहां जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने नदी के किनारे पहुंचकर उनका स्वागत किया.
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