रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुटरू क्षेत्र के प्रवास के दौरान नक्सली हिंसा की पीड़ित सरपंच व समाजसेवी रीता मंडावी को 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की है. मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी का कहना है कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेगी.

घनश्याम मंडावी अड्डावली ग्राम पंचायत की आदिवासी महिला सरपंच रीता मंडावी के पति थे. आदिवासी समाज में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने का जिम्मा उठाने पर घनश्याम मंडावी नक्सलियों की नजर में खटक रहे थे. गांव वाले समाज की मुख्यधारा से कटे रहे, इसके लिए नक्सलियों ने घनश्याम मंडावी की हत्या कर दी. नक्सलियों को लगा कि अब गांव, समाज और घनश्याम के परिवार की हिम्मत टूट गई, लेकिन नक्सलियों को शायद ये पता नहीं था कि मां, पत्नी और सरपंच तीनों की भूमिका निभा रही रीता के हौंसले कहीं ज्यादा बड़े हैं.


गांव के लोगों के लिए खर्च करती है मानदेय
पति की मौत के बाद डरने की बजाए रीता ज्यादा मजबूती से खड़ी हुई. रीता अपने 4 साल के बेटे और 2 साल की बेटी के साथ उसी कार्य में लगी रहीं जो वो अपने स्वर्गीय पति के साथ करती थीं. विशेष संरक्षित जनजाति मुरिया की सदस्य रीता मंडावी सरपंच के रूप में मिलने वाले मानदेय को भी गांव के लोगों के लिए खर्च कर देती हैं. पति के जाने के बाद रीता को बस एक ही बात की चिंता थी कि उसके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी, लेकिन अब रीता की ये चिंता भी दूर हो गई है, जिससे वो पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है.