सुशील सलाम, कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सलियों की हिंसा का एक खौफनाक चेहरा सामने आया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की परतापुर एरिया कमेटी से जुड़े नक्सलियों ने एक आदिवासी युवक को पुलिस का मुखबिर बताकर मौत के घाट उतार दिया। छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के बिनागुंडा गांव में सोमवार की रात हथियारबंद नक्सलियों ने कथित जन अदालत लगाकर आदिवासी युवक मनेश नुरुटी को मौत की सजा सुनाई और बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। इसके साथ ही माओवादियों ने कई ग्रामीण नेताओं और पुलिस अधिकारियों को भी खुली धमकी दी है।

बताया जा रहा है कि बिनागुंडा गांव के मनेश नुरुटी पर नक्सलियों ने पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया। उसे सोमवार की रात उसके घर से उठाकर गांव के बीच ले गए, जहां ग्रामीणों को मीटिंग के नाम पर पहले से ही इकट्ठा किया गया था। इस कथित जन अदालत में माओवादियों ने दो आदिवासी युवकों की पिटाई की। उन पर पुलिस को जानकारी देने और माओवादी गतिविधियों के बारे में सूचना देने का आरोप लगाया। उसके बाद माओवादियों ने मनेश नुरुटी को मौत के घाट उतार दिया। नक्सलियों ने परतापुर थाना इलाके में बैनर लगाकर यह जानकारी दी है।

माओवादियों की परतापुर एरिया कमेटी ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए पखांजूर थाना के प्रभारी लक्षण केंवट और अन्य पुलिस अधिकारियों पर आदिवासियों को गोपनीय सैनिक के रूप में काम कराने का आरोप लगाया है।

इसके साथ ही नक्सलियों ने कोंगे पंचायत के सरपंच रामजी धुर्वा, डीआरजी के जोयो, बुद्धु, आयतू, टुब्बा कोरेटी, धनी और अर्जून ताती को चेतावनी देते हुए उन्हें मौत की सजा देने की धमकी दी है।