Go First NCLT News. गो फर्स्ट के लिए बुधवार का दिन काफी अहम रहने वाला है. वित्तीय संकट से घिरी एयरलाइन GoFirst की खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल फैसला सुनाएगा. एनसीएलटी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, गोफर्स्ट की अर्जी पर जस्टिस रामलिंगम सुधाकर और एलएन गुप्ता की पीठ बुधवार सुबह अपना फैसला सुनाएगी. गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद एनसीएलटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वाडिया ग्रुप की एयरलाइंस गोफर्स्ट ने पिछले हफ्ते खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष स्वैच्छिक दिवाला समाधान के लिए एक आवेदन दायर किया था. हालांकि, एयरलाइन को लीज पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियां इसका विरोध कर रही हैं.

बुधवार को एनसीएलटी की बेंच एयरलाइन की उस अर्जी पर भी फैसला करेगी जिसमें उसकी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी. इस पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है.

गोफर्स्ट ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन की आपूर्ति में लगातार रुकावट के कारण उसके आधे विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जिसके कारण कंपनी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा नहीं कर पा रही है. एयरलाइंस के मुताबिक, उसे दिवाला समाधान के लिए एनसीएलटी का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इसके लिए कंपनी ने इंजन सप्लायर कंपनी P&W से इंजन नहीं मिलने की सबसे बड़ी वजह बताई है.

गोफर्स्ट इंडिया लिमिटेड ने कहा, हमारे करीब 50 फीसदी विमान इंजन में दिक्कत के कारण खड़े हो गए हैं. इसके अलावा गोफर्स्ट को परिचालन लागत दोगुनी होने से 10,800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. एयरलाइन ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कंपनी अब अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए एनसीएलटी के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया है.

GoFirst ने कहा कि प्रमोटरों द्वारा अब तक 6,500 करोड़ रुपये डाले गए हैं, जिनमें से 2,400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में डाले गए हैं. अप्रैल 2023 में ही प्रमोटर ग्रुप ने एयरलाइन में 290 करोड़ रुपये डाले हैं. फिलहाल GoFirst ने 12 मई तक उड़ानें रद्द की हैं तो DGCA ने भी GoFirst को टिकट बुकिंग बंद करने का आदेश दिया है.