अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले महाराष्ट्र में नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आज महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक MP/MLA कोर्ट पहुंचे हैं, जहां उनके खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं. यह मामला साल 2022 के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के केस से जुड़ा है.
दरअसल, नवाब मलिक पर अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ मिलकर कुर्ला में करोड़ों की जमीन कम दाम पर खरीदने और कब्जाने का आरोप है. साथ ही, मनी लांड्रिंग की अलग-अलग धाराओं में भी उनपर केस दर्ज हो रखा है. कोर्ट के फैसले के तहत आज दोपहर तीन बजे के करीब नवाब मलिक पर आरोप तय किए जाएंगे.
साल 2022 में अरेस्ट हुए थे नवाब मलिक
दरअसल, एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की संपत्तियों से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर आरोप लगे हैं. इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज पूरी हो रही है, इसलिए नवाब मलिक समेत सभी आरोपी अदालत में उपस्थित हैं. नवाब मलिक को इसी मामले में साल 2022 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन फिलहाल वह जमानत पर हैं.
नवाब मलिक पर क्या हैं आरोप?
दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर, सलीम पटेल, 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी सरदार खान और नवाब मलिक पर गोवावाला कंपाउंड में मुनीरा प्लंबर से तीन एकड़ ज़मीन हड़पने की साजिश रचने का आरोप है. इस मामले में 1999 में सलीम पटेल के नाम ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ जारी की गई थी.
सलीम पटेल पर इसका दुरुपयोग करने और हसीना पारकर के निर्देश पर गोवावाला कंपाउंड की ज़मीन नवाब मलिक की सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बेचने का आरोप है. ईडी का दावा है कि नवाब मलिक ने इस जमीन को किराए पर दिया और उससे मिले पैसों से बांद्रा, कुर्ला में फ्लैट और उस्मानाबाद में कृषि भूमि खरीदी.
नवाब मलिक की जानकारी के बावजूद, उसने जानबूझकर यह लेन-देन किया. गवाहों के जवाब साबित करते हैं कि नवाब मलिक ने मुनीरा प्लंबर से इस ज़मीन के बारे में कोई पूछताछ या तथ्यों की पुष्टि नहीं की. इसलिए, नवाब मलिक ने यह जमीन डी-कंपनी के लिए खरीदी. उन पर लेन-देन के जरिए पैसे मुहैया कराने का भी आरोप है.
नवाब मलिक के वकील ने क्या कहा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान नवाब मलिक के वकील की तरफ से कहा गया कि इस केस को लेकर हमने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान ASG अनिल सिंह ने हाई कोर्ट से कहा था कि वो इस केस से जुड़े दस्तावेज़ आरोपी पक्ष को देंगे और तब तक चार्ज फ्रेम नहीं किया जाएगा.
इस बयान पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोई मेरे बेंच के बिहाफ पर कैसे बयान दे सकता है? ये बिलकुल सही नहीं है. इसके बाद फिर आरोपियों के वकील की तरफ से कहा गया कि जबतक हाई कोर्ट का फैसला नहीं आता या सरकारी वकील बयान नहीं देते तब तक इस फ्रेमिंग ऑफ चार्जेस को टाल दिया जाए.
कोर्ट ने लगाई फटकार
इस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हाई कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि किसी भी केस में चार हफ्ते के भीतर चार्ज फ्रेम करने होंगे. हमारी बेंच के पास पहले ही बहुत केस हैं. दोपहर 3.00 बजे के बाद नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे.
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