रायपुर। थप्पड़कांड के बाद सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा को पद से हटाकर मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थ कर दिया गया है. लेकिन आईएएस की मुसीबत और बढ़ने वाली है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक बच्चे के साथ मारपीट किए जाने की घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को नोटिस भेजा है. आयोग ने आईएएस रणबीर शर्मा के खिलाफ एफआईआर और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है.

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सूरजपुर में लोगों को थप्पड़ जड़ने वाले कलेक्टर रणबीर शर्मा के तबादले के बाद भी उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ रही है. अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर एक नोटिस राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सूरजपुर कलेक्टर एसपी राजेश कुकरेजा को भेजा है. इस नोटिस में उन्होंने डीएम द्वारा बच्चे को थप्पड़ जड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

दरअसल सूरजपुर में 13 साल के बच्चे के साथ भी मारपीट की घटना सामने आई थी. बच्चे को चोटें भी आई है. एक ट्विटर यूजर ने वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. साथ ही लिखा कि मास्क लगाए लड़के पर लाठी मारना और 13 वर्ष का बच्चा जो मेडिकल से दवाई ले रहा हो, उसे डंडे से मारना ये सख्ती नहीं बल्कि शक्ति का प्रदर्शन है.

हालांकि बच्चे के साथ मारपीट को लेकर आईएएस रणबीर शर्मा ने कहा था कि वे इस मामले को लेकर कुछ नहीं जानते हैं. लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे होंगे, तो पुलिस कार्रवाई की होगी. मैं इस मामले को नहीं जानता, मुझे इसकी जानकारी नहीं है.

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बता दें कि सूरजपुर जिले में लॉकडाउन लगा हुआ है. 22 मई को कलेक्टर रणबीर शर्मा खुद सड़कों पर उतरे. इस दौरान उन्होंने एक लड़के को थप्पड़ जड़ दिया. उसका फोन भी तोड़ दिया. उसके बाद पुलिस के जवानों से भी उसे डंडे पड़वाए. कलेक्टर ने खुद जवानों को मारने के निर्देश दिए. थप्पड़कांड के बाद उन्हें कलेक्टर के पद से हटाकर मंत्रालय में सयुंक्त सचिव के रूप में पदस्थ कर दिया गया है.

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