रायपुर. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत नैसर्गिक नहीं बल्कि मुंह में तकिया दबाकर हत्या की गई थी. पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह मामला दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई है.

रोहित शेखर तिवारी अपने को एनडी तिवारी का पुत्र साबित करने के लिए छह साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. शुरुआती दौर में एनडी तिवारी ने सीधे रोहित शेखर को अपना बेटा मानने से इंकार कर दिया था. बात डीएनए सेंपल तक पहुंची तो एनडी तिवारी ने अपना ब्लड सैंपल देने से मना कर दिया, लेकिन न्यायालय के दखल के बाद उन्हें ब्लड सैंपल देना पड़ा और 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहित शेखर तिवारी को एनडी तिवारी का जैविक पिता घोषित किया. बाद में एनडी तिवारी ने न केवल रोहित शेखर को अपना बेटा स्वीकार किया, बल्कि उसी साल उसकी मां उज्ज्वला से शादी तक की.

40 वर्षीय रोहित शेखर तिवारी उतराखंड में मतदान करने के बाद 15 अप्रैल की रात को दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर वापस लौटा था. अगले दिन उसकी मां उज्ज्वला को मैक्स अस्पताल में उपचार के दौरान शेखर के बीमार होने की खबर मिली, जिस पर उसे एंबुलेंस से मैक्स अस्पताल लेकर आई. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, रोहित शेखर को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था. उनके नाक से खून बह रहा था, और शरीर पर कहीं कोई चोट के निशान नहीं थे. घटना के वक्त घर में रोहित की पत्नी अपूर्वा, उसका भाई सिद्धार्थ और घरेलू नौकर मौजूद थे.

रोहित शेखर की पीएम रिपोर्ट में मौत अप्राकृतिक तरीके से होने की बात कही गई है, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने घर में जाकर उनके पारिवारिक सदस्यों और घरेलू नौकरों से पूछताछ की है. बताया जाता है कि उनकी पत्नी अपूर्वा वर्तमान में दिल्ली में नहीं हैं. अब जल्द ही पुलिस की फारेंसिक टीम घर का मुआयना करेगी.