कुंदन कुमार/ पटना। बिहार की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है। दरभंगा में कांग्रेस और राजद के मंच से एक मां के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल पर एनडीए ने कड़ा विरोध जताते हुए 4 सितंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। यह बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। खास बात यह है कि आपात सेवाओं और रेल को इससे बाहर रखा गया है ताकि आम जनता को किसी तरह की असुविधा न हो।
मां को भगवान का रूप माना जाता
बीजेपी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनडीए के सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे। बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि मां को भगवान का रूप माना जाता है और ऐसे मंच से मां का अपमान करना पूरे बिहार को शर्मसार करता है। उन्होंने कहा कि आज तक न तो तेजस्वी यादव और न ही राहुल गांधी ने इस पर खेद प्रकट किया, जो बेहद दुखद है।
महिला मोर्चा संभालेगा नेतृत्व
इस बिहार बंद को खास बनाने के लिए बीजेपी महिला मोर्चा और एनडीए की महिला इकाइयां आगे रहेंगी। दिलीप जायसवाल ने साफ कहा कि मां-बहनों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और महिलाएं इस बंद को सफल बनाएंगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांतिपूर्वक इस बंद का समर्थन करें।
जेडीयू और लोजपा भी हमलावर
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने लोकतंत्र पर धब्बा लगाया है। बिहार की महिलाएं इसका जवाब जरूर देंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह बंद पूरी तरह शांतिपूर्वक होगा और किसी भी तरह की यातायात बाधा नहीं होगी।
वहीं, एनडीए के घटक दलों के नेता राजू तिवारी ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि गाली-गलौज उनकी राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा रही है। मां के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर उन्होंने अपनी सोच को उजागर कर दिया है।
एनडीए का ऐलान
एनडीए ने साफ किया कि इस बंद में सभी घटक दल एकजुट होकर शामिल होंगे। महिला मोर्चा के नेतृत्व में होने वाला यह बंद विपक्ष को करारा जवाब साबित होगा। एनडीए का कहना है कि यह विरोध सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की गरिमा और सम्मान से जुड़ा है।
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