पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एनडीए ने शुक्रवार को अपना संयुक्त संकल्प पत्र जारी किया। इस मौके पर भाजपा और जदयू के शीर्ष नेताओं ने इसे बिहार के विकास का रोडमैप बताया। वहीं निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे जुमलेबाजी का पुलिंदा करार दिया। एक ओर एनडीए अपने 20 साल के कार्यकाल को उपलब्धियों से भरपूर बता रहा है वहीं विपक्ष इसे विफलताओं की कहानी कह रहा है।
बिहार के साथ सौतेलापन
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एनडीए पर तीखा वार करते हुए कहा इनका संकल्प पत्र जुमलेबाजी है। बिहार के साथ इनका सौतेलापन रहा है। 20 सालों में पूंजी निवेश नहीं हुआ रोजगार के अवसर बंद हो गए और फैक्ट्रियां ध्वस्त कर दी गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बिहार में बेरोजगारी, पलायन और उद्योगों की कमी चरम पर है तो एनडीए का यह संकल्प पत्र किस विकास की बात कर रहा है पप्पू यादव ने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब वादों पर नहीं काम पर वोट देगी।
नई ऊंचाई पर ले जाएगा NDA
केंद्रीय मंत्री और भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने एनडीए के संकल्प पत्र को विकास सुशासन और सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम बताया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में पिछले 20 सालों से एनडीए की सेवा जारी है। आने वाले 5 सालों में हम इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। युवाओं को रोजगार महिलाओं को सशक्तिकरण और किसानों को आर्थिक मजबूती देना हमारी प्राथमिकता है। प्रधान ने विश्वास जताया कि बिहार की जनता एनडीए की बड़ी वापसी सुनिश्चित करेगी।
किसान योजना का ऐलान
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संकल्प पत्र की घोषणा के दौरान किसानों के लिए एक नई योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अतिरिक्त लाभ देने की योजना तैयार की गई है। किसानों की समृद्धि के लिए हम कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान योजना शुरू करेंगे। इस योजना के तहत किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अलावा 3000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए का संकल्प केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसे जमीन पर लागू करने का ठोस खाका भी तैयार किया गया है।
हर वर्ग को साथ लेकर चलेगा NDA
सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए का यह संकल्प पत्र युवाओं, महिलाओं, अति पिछड़ों, दलितों और किसानों के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। हमारा लक्ष्य है कि बिहार की समृद्धि में हर वर्ग की भागीदारी हो। यह संकल्प पत्र जनता की आकांक्षाओं और प्रधानमंत्री मोदी की विकास दृष्टि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बिहार अब पिछड़ेपन से निकलकर
विकसित राज्यों की श्रेणी में आने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
पप्पू बनाम एनडीए
एनडीए जहां अपने संकल्प पत्र को विकास का खाका बता रहा है वहीं विपक्ष इसे खोखले वादों का पुलिंदा’ कह रहा है। पप्पू यादव जैसे स्वतंत्र नेताओं के तेवर से यह स्पष्ट है कि इस बार बिहार की चुनावी लड़ाई में तीसरी ताकतों की भूमिका भी अहम रहने वाली है।

