लखनऊ। भारतीय वायुसेना आज अपना 91वां स्थापना दिवस मना रही है. इस अवसर पर प्रयागराज के बमरौली मध्य वायु कमान मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ मार्शल वीएस चौधरी ने भारतीय वायु सेवा के नए झंडे का भी अनावरण किया.

कार्यक्रम में वायुसेना अध्यक्ष ने परेड की सलामी ली, इसके बाद नए ध्वज को सबसे पहले चार वायु योद्धाओं द्वारा एक चलित मंच पर स्थापित करके वायुसेना प्रमुख के सामने लाया गया, जिसका उन्होंने अनावरण किया. इसके बाद ध्वज स्तंभ पर नया ध्वज फहराया गया, वहीं पुराने ध्वज को उतारकर पूरे सम्मान के साथ मोड़कर वायुसेना प्रमुख को सौंपा गया. इसे बाद में वायुसेना संग्रहालय में प्रदर्शनी के तौर पर शामिल किया जाएगा. इस दौरान वायु सेना का विमान एमआई-17वी5 वायुसेना के नए ध्वज के साथ नीची उड़ान भरी.

पैरा हैंड ग्लाइडर और पैरा ट्रूप ने किया रोमांचित

भारतीय वायु सेना के 91वें स्थापना दिवस पर बमरौली एयरफोर्स स्टेशन पर कार्यक्रम की शुरुआत सुबह पैरा हैड ग्लाइडर की एंट्री के साथ हुई. पैरा ग्लाइडर ने 360 डिग्री हवा में चक्कर लगाया. इसके बाद 8000 फीट की ऊंचाई से पैराट्रूपर्स कूदे और 150 किमी. प्रति घंटा की गति से नीचे आए. इस दौरान एयर चीफ मार्शल वीएस चौधरी ने परेड की सलामी ली. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सीडीएस अनिल चौहान शामिल हुए.

72 वर्ष के बाद किया बदलाव

भारतीय वायु सेना ने 72 वर्ष के बाद अपने झंडे में बदलाव किया है. वायु सेना की स्थापना आठ अक्तूबर 1932 को गई थी. 72 वर्ष के बाद वायु सेना ने अपने झंडे में परिवर्तन किया है. वर्तमान ध्वज में अशोक स्तंभ के शेर और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है. ऐतिहासिक अशोक स्तंभ भारत का राजचिह्न भी है. नीचे एक हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के लड़ने के गुणों को दर्शाता है. हल्के नीले रंग के घेरे में हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है ‘भारतीय वायुसेना’.