कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारत के करीब 700 छात्रों पर स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि वहां की सरकार उन्हें उनके देश भेजने की तैयारी में लगी है.

दरअसल, इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप लगा है. कनाडा सरकार के फैसले के विरोध में भारतीय छात्र धरने पर बैठ गए हैं.


दूसरी तरफ, पंजाब एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्र से 700 भारतीय छात्रों के मामले को हल करने की मांग की है, जिनमें ज्यादातर पंजाबी हैं.

यह धरना कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी के मुख्यालय के सामने दिया जा रहा है. वहीं, भारतीय छात्रों का मानना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वो फर्जीवाड़े का शिकार हैं.

कनाडा के कॉलेज में एडमिशन लेने वाले ऐसे ही पंजाब के छात्र लवप्रीत सिंह 13 जून को निर्वासित होंगे.

ये सभी कनाडा में आव्रजन धोखाधड़ी (इमीग्रेशन फ्रॉड) में फंस गए हैं और निर्वासन के मामलों का सामना कर रहे हैं. धालीवाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक पत्र में मांग की कि छात्रों को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए और उनके वीजा पर विचार करते हुए वर्क परमिट दिया जाना चाहिए.

इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि छात्रों को धोखा देने वाले ट्रैवल एजेंटों को दंडित करने के लिए केंद्र पंजाब सरकार के साथ सहयोग करे.

धालीवाल ने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री से मिलने के लिए भी समय मांगा है ताकि पूरे मामले को व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के ध्यान में लाया जा सके.’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में कानून सख्त होना चाहिए ताकि भविष्य में मानव तस्करी की घटनाएं न हों.

धालीवाल ने पंजाब के लोगों से यह भी अपील की कि विदेश जाने या अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने से पहले कॉलेज का विवरण और ट्रैवल एजेंट का रिकॉर्ड जरूर जांच लें. उन्होंने यह भी बताया कि इंडोनेशिया में फांसी की सजा पाए दो पंजाबी लड़कों का केस 26 जून से फिर से शुरू हो रहा है और उम्मीद है कि दोनों इस मामले में बरी हो जाएंगे.