रायपुर. भारत सहित विश्व में तंबाकू से होने वाले कैंसर की बीमारी की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. यहां विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष पर अपने उत्कृष्ट कार्यो के लिए हमेशा की तरह एनएच एमएमआई नारायणा सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से अपने उत्कृष्ट कार्यों को लेकर कटिबंध रहने वाले एनएच एमएमआई नारायणा सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ में इस विशेष अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की है. यही कारण है कि अब लोगों में इस विषय को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ी है. एनएचएमएमआई नारायण सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में इसे और आगे बढ़ाते हुए कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक तंबाकू पर प्रभावशाली तरीके से काम करते हुए उसकी रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

एनएच एमएमआई नारायणा सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल रायपुर में पोस्टर कॉपटीशन का आयोजन किया गया, जिसमें 300 बच्चों ने भाग लिया. इस कम्पटीशन की थीम “समटाइम्स इट्स गुड टू बी ए क्विटर” रखी गयी थी.

इस मौके पर एनएचएच कैंसर केयर के कैंसर सर्जन डा.भारत भूषण, मेडिकल ऑनकॉलेजिस्ट डा यशवंत कश्यप, रडिएशन ऑनकोलॉजिस्ट डा आशुतोस दास शर्मा, हेड एन्ड नैक कैंसर सर्जन डा. यश चड्ढा, रडिएशन ऑनकोलॉजिस्ट डा. राजेंद्र पटेल, गयनीक ऑनकोलॉजिस्ट डा. नेहा जायसवाल ने उपस्थिति देकर प्रतियोगियों का उत्साह वर्धन किया. इस विषय पर छोटे बच्चों ने एक से बढ़कर एक चित्रकारी का प्रदर्शन किया. विषय की गंभीरता को समझते हुए ना सिर्फ बच्चों ने कैंसर की गंभीर परिणाम और उससे बचाव के उपाय बताए, बल्कि अपनी पेंटिंग के माध्यम से सामाजिक तौर पर सार्थक और प्रभावशाली संदेश भी दिए.

इस पेंटिंग प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना और विशेषकर नई पीढ़ी को कैंसर के प्रति जागरूक करना तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव और गंभीर व प्राण घातक बीमारियों के प्रति लोगों में सजगता बढ़ाना कई मायने में सफल रहा, क्योंकि इस प्रतियोगिता में जहां 300 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. वहीं इनमें से ज्यादातर लोगों ने बेहद आकर्षक और विषय के अनुरूप सारगर्भित चित्रकारी की.

डा. भारत ने कहा, तम्बाकू सेवन ना केवल शरीर बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है. डा. यशवंत कश्यप ने कहा, युवाओं का सिगरेट सेवन एक फैसन बन गया है. अतः हमें इस दिशा में कड़े कदम लेने चाहिए. डा.यश चड्ढा ने कहा, राज्य में तम्बाकू सेवन अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा है, जिस वजह से मुह एवं गले के मरीज़ भी अधिक है. डा. राजेंद्र पटेल ने कहा, स्कूल एवं कॉलेज के पास कोटपा एक्ट का सख्त पालन होना चाहिए. ये सरकार द्वारा सराहनीय पहल है.

डा.नेहा जायसवाल ने कहा, तम्बाकू सेवन से महिलाओं मे भी कैंसर का खतरा बढ़ता है. गाव मे महिलाओं को इसके लिए जागरूक करना आवश्यक है. शोध में यह भी देखा गया है शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं अक्सर तंबाकू गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करती है, जिसमें गुड़ाखू भी शामिल है. ग्रामीण परिवेश में इस्तेमाल किए जाने वाले इस तरह के नशीले उत्पाद का परिणाम निकट भविष्य में बेहद खतरनाक होगा. बीते कुछ सालों में तंबाकू से होने वाले कैंसर की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि एनएच एमएमआई नारायणा सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल प्रबंधन ने इस विषय पर जागरूकता लाने के लिए कई सार्थक पहल किए हैं.

उन्होंने बताया कि किस तरह से नई पीढ़ी को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए न सिर्फ विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है बल्कि ग्राउंड जीरो में जाकर तंबाकू और नशे के अन्य उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है. इसके लिए अक्षर वाद विवाद प्रतियोगिता स्कूल कॉलेजों में निबंध और स्लोगन प्रतियोगिता और ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाती है. विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर यह काम और भी व्यापक पैमाने पर किया जाता है.

विशेषज्ञों की मानें तो अकेले भारत जैसे विकासशील देशों में तंबाकू उत्पादों की खपत में इजाफा देखने को मिला है, जिसकी वजह से गुटका गुड़ाखू तंबाकू बीड़ी सिगरेट पर ऐसे ही दूसरे उत्पादों के बारे में गंभीरता से काम किए जाने की जरूरत है. इस तरह की स्थिति को देखते हुए एनएच एमएमआई नारायण सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल की पहल को सभी ने सराहा है और अब बीते कुछ सालों के परिणाम पर नजर डालें तो इसके सार्थक परिणाम और सकारात्मक परिदृश्य स्पष्ट नजर आने लगे हैं.