रायपुर. देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी नीरव मोदी मामले की गूंज छत्तीसगढ़ विधानसभा में सुनाई पड़ी. कांग्रेस ने प्रश्नकाल के बाद इस मामले को उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. विपक्ष का कहना है कि नीरव मोदी की पार्टनर कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश का आमंत्रण दिया गया जब पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए थे. उन्होंने रियो टिंटो को निवेश के लिए आमंत्रित किया था.
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ को भी लूटने के लिए ये न्यौता दिया गया. क्योंकि ये कंपनी पहले ही ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है. रियो टिंटो नीरव मोदी की पार्टनर कंपनी है. भूपेश बघेल ने कहा कि 2004 में रियो टिंटो को सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी. अब दोबारा निवेश के नाम पर कंपनी को आमंत्रण दिया जा रहा है.
कांग्रेस ने इस पर स्थगन प्रस्ताव की मांग की. जिसे स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया. स्पीकर ने कहा कि काल्पनिक मुद्दों पर स्थगन नहीं लगाया जाता. इसके बाद विपक्ष ने इस मामले में भारी हंगामा शुरु कर दिया. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी.इसके बाद जब दोबारा सदन की कार्रवाई शुरु हुई तब भी विपक्ष का हंगामा और नारेबाज़ी जारी रही. जिससे सदन की कार्रवाही बाधित रही. नारेबाज़ी करते हुए विपक्ष के नेता गर्भगृह पहुंच गए और वहां ज़मीन पर बैठकर नारेबाज़ी करने लगे और वहीं पर धरना दे दिया. जिसके बाद कांग्रेस के तीस विधायकों को विधानसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया गया.