सुप्रीम कोर्ट ने आज( 4 जुलाई) को NEET-UG 2025 के रिवाइज्ट रिजल्ट और काउंसलिंग पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया. यह याचिका परीक्षा में शामिल एक छात्र शिवम गांधी रैना द्वारा नीट यूजी के फाइनल आंसर-की और रिजल्ट को चुनौती देते हुए दायर की गई थी. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और आर महादान की बेंच ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

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छात्र ने फाइनल आंसर-की में 3 गलत उत्तरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने यह तर्क दिया कि ये तीन उत्तर गलत हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि बाकी उत्तर तो सही हैं. वकील ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें जो प्रश्नपत्र दिया गया था, उसमें चार विकल्प थे, जिन पर उन्होंने आपत्ति उठाई है.

जस्टिस नरसिम्हा ने टिप्पणी की कि यह मामला उसी प्रकार का है जिसे हमने दो दिन पहले खारिज किया था. उन्होंने कहा कि आप सैद्धांतिक रूप से सही हो सकते हैं कि कई उत्तर हो सकते हैं. याचिकाकर्ता के वकील बाला ने तर्क दिया कि यह छात्रों के करियर से संबंधित है और यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि इससे कई छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा.

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कोर्ट ने खारिज की याचिका :NEET UG Result 2025

वकील ने बताया कि इस न्यायालय ने 2024 में परिणामों को संशोधित करने का आदेश दिया है. पीठ ने इस पर सहमति जताते हुए धन्यवाद कहा. वकील बाला ने सुझाव दिया कि एक समिति का गठन किया जाए, यह कहते हुए कि उन्होंने सही उत्तर दिया है और आंसर-की में स्पष्ट त्रुटि है. इस पर जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि हम व्यक्तिगत परीक्षाओं के मामलों का समाधान नहीं कर सकते. अंततः, पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

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याचिकाकर्ता को किन प्रश्नों पर थी आपत्ति?

याचिकाकर्ता शिवम गांधी रैना ने एनटीए पर आरोप लगाया कि एक प्रश्न (प्रश्न संख्या 136, कोड नंबर 47) के उत्तर में त्रुटि थी. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि 2024 की परीक्षा में शीर्ष अदालत ने हस्तक्षेप किया और आईआईटी दिल्ली द्वारा प्रस्तुत एक विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर त्रुटियों के सुधार का आदेश दिया. हालांकि, बेंच ने अपने रुख को बदलने से इनकार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा में व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.