Supreme Court On NEET-UG Exam: मंगलवार को नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले की अहम सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था। कोर्ट ने आगे कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग (Hazaribagh) और पटना (Patna) में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला। ये पुख्ता प्रमाण नहीं है कि परीक्षा में प्रणालीगत गड़बड़ी हुई या पूरी परीक्षा की पवित्रता भंग हुई। लिहाजा दोबारा परीक्षा नहीं होगी। कोर्ट के फैसले के बाद 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का दोबारा रिज्लट जारी होगा। वहीं फिजिक्स पेपर के ग्रेस मार्क वापस लिए जाएंगे।
दरअसल सिनवाई के दौरान कोर्ट ने फिजिक्स के एक सवाल को लेकर भी स्पष्ट किया। कोर्ट का कहना था कि एक सवाल के दो जवाब सही नहीं हो सकते। इस कन्फ्यूजन में जिन स्टूडेंट्स ने अलग-अलग ऑप्शन को चुना था, उनके रिजल्ट को रिवाइज किया जाएगा। कोर्ट के इस फैसले से 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के रिजल्ट प्रभावित होंगे। इसमें NEET परीक्षा में 720/720 के साथ टॉप करने वाले वे 44 अभ्यर्थी भी शामिल हैं। चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कहा है कि फिजिक्स के क्वेश्चन पेपर में आईआईटी दिल्ली की एक्सपर्ट टीम द्वारा बताए गए जवाब को ही सही माना जाएगा। इसी के मुताबिक, चार लाख स्टूडेंट्स के रिजल्ट को रिवाइज करने का आदेश दिया है। शुरुआत में NTA ने पुरानी और नई NCERT बुक के बीच विसंगतियों की वजह से दो विकल्पों को सही जवाब के रूप में माना था और इस हिसाब से ही स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। कोर्ट ने एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट किया कि एक सवाल के दो ऑप्शन को सही जवाब नहीं माना जा सकता है।
प्रभावित होगा 4.20 लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट
कोर्ट के फैसवे से 4 लाख 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के मार्क्स को प्रभावित करेगा, जिन्होंने पहले सही माने जाने वाले ऑप्शन को चुना था। इनमें से प्रत्येक छात्र के पांच अंक कटेंगे, जिसका असर ये होगा कि उनकी कुल रैंकिंग पर काफी प्रभाव पड़ेगा। नए वर्गीकरण के मुताबिक, पहले बताए गए टॉपर्स का दोबारा से मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद 61 की जगह सिर्फ 17 स्टूडेंट्स ही टॉपर्स माने जाएंगे, क्योंकि जिन 44 को फिजिक्स के एक क्वेश्चन पर ग्रेस मार्क दिए गए थे, अब उन्हें माइनस 5 मार्क की पेनल्टी भुगतनी होगी।
नीट पेपर में वो सवाल, जो बन गया विवादास्पद?
– कथन I: परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश होते हैं।
– कथन II: प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
ये विकल्प दिए थे…
A- पहला सही है लेकिन दूसरा गलत है.
B- पहला गलत है लेकिन दूसरा सही है.
C- पहला और दूसरा दोनों कथन सही हैं.
D- दोनों कथन गलत हैं.
जब आंसर की जारी की गई तो NEET वेबसाइट ने विकल्प (A) को सही जवाब के रूप में दिखाया। हालांकि, कई छात्रों ने NCERT के ओल्ड वर्जन में दी गई जानकारी के आधार पर आंसर की का विरोध किया। यानी ओल्ड वर्जन के अनुसार दोनों कथन सही थे. इसलिए इस तर्क के आधार पर NTA ने उन छात्रों को ग्रेस मार्क दे दिए, जिन्होंने अपने जवाब में विकल्प (C) को चुना था।
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