बीजापुर। पुसगुड़ी गांव में निर्माणाधीन आश्रम भवन के निर्माण कार्य को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं. आरोप है कि भवन की नींव, विशेषकर कॉलम बेस के गड्ढों में तय तकनीकी मानकों की अनदेखी करते हुए अमानक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. निर्माण स्थल पर कंक्रीट के बजाय रेत की मात्रा अधिक और सीमेंट की मात्रा कम डाले जाने की बात कही जा रही है, जिससे भवन की मजबूती और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉलम के लिए बनाए गए गड्ढों में सामग्री का अनुपात संतुलित नहीं रखा जा रहा. नींव में सीमेंट की कमी से भवन की भार वहन क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. निर्माण विशेषज्ञों के अनुसार कॉलम बेस किसी भी भवन की रीढ़ होते हैं और यहां की गई लापरवाही पूरे ढांचे के लिए घातक साबित हो सकती है.

मामले को लेकर आदिवासी विकास शाखा के इंजीनियर से फोन पर संपर्क किया गया. उन्होंने बताया कि स्वीकृत स्टीमेट के अनुसार कॉलम गड्ढों में रेत डालने का प्रावधान है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी को निर्माण कार्य में गड़बड़ी की आशंका है तो इसकी शिकायत कलेक्टर से की जा सकती है. अधिक जानकारी के लिए उन्होंने ठेकेदार से चर्चा करने की सलाह भी दी.

वहीं आदिवासी विकास शाखा के सहायक आयुक्त ने कहा कि यदि निर्माण कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो इसकी जांच कराई जाएगी. उनके इस बयान के बाद मामले की तकनीकी जांच की संभावना बढ़ गई है.

फिलहाल आश्रम भवन के निर्माण कार्य को लेकर स्टीमेट और मौके पर हो रहे वास्तविक निर्माण की तुलना कराने की मांग उठ रही है. यह मामला न केवल निर्माण गुणवत्ता बल्कि विभागीय निगरानी और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.