अनिल मालवीय, इछावर(सीहोर)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल प्रदेश का इकलौता मनरेगा पार्क सीहोर जिले की इछावर विधानसभा के ग्राम भाऊखेड़ी में बना है. विडम्बना यह है कि पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में भी अफसरों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. यह प्रोजेक्ट अधूरा है. बीते तीन साल से गेट तक नहीं बना, बाउंड्रीवाल भी अधूरी है. इस प्रोजेक्ट को देखकर भोपाल कमिश्रर मालसिंह भयड़िया ने नाराजगी जताई. मनरेगा पार्क को व्यवस्थित करने के लिए कमिश्रर ने जनपद सीईओ को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है.
बता दें भोपाल कमिश्रर जिले के दौरे पर थे. सीहोर जिला मुख्यालय से कमिश्रर इछावर जा रहे थे, कि उन्हें ग्राम भाऊखेड़ी में मनरेगा पार्क नजर आया, जिस पर कमिश्रर ने अपनी गाड़ी का रुख इस पार्क की तरफ करवा लिया. मौके पर ही जनपद सीईओ सहित इछावर के तमाम अफसरों को बुलाया गया. कमिश्रर ने जनपद सीईओ शिवानी मिश्रा से पूछा यह क्या, जिस पर सीईओ ने जवाब दिया कि यह मप्र का इकलौता मनरेगा पार्क है. करीब 50 लाख रुपए की लागत से 28 एकड़ में बन रहे मनरेगा पार्क की अव्यवस्थाएं देख कमिश्रर काफी नाराज हुए.
सर, मुझे अभी चार महीने ही हुए
मनरेगा पार्क के संबंध में जब कमिश्रर ने जानकारी चाही तो उन्हें बताया गया कि इसमें आजीविका मिशन की महिला सदस्य काम करती हैं. इसी पार्क में गौशाला, मछली पालन के लिए तालाब, अमृत सरोवर है. अमृत सरोवर को देख कमिश्रर नाराज हुए. कमिश्रर ने पूछा कि इसमें पानी का स्त्रोत क्या, जिस पर अफसर जवाब नहीं दे सके. अफसरों ने बताया कि एमपीआरडीसी द्वारा सडक़ निर्माण के लिए यहां से मिट्टी खोदी गई, नाराज कमिश्रर को जनपद सीईओ ने बताया कि सर मुझे अभी चार महीने हुए हैं. जिस पर कमिश्रर ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि मुझे एक महीने में सुधार की रिपोर्ट चाहिए.
जर्मनी से आए दल को दिखाया अधूरा मनरेगा पार्क
जर्मनी से आए प्रतिनिधि मार्टिन होप्पे, मार्क नोल्टिंग को भी आधे अधूरे मनरेगा पार्क का भ्रमण का कराया गया. इस दौरान उन्होंने आजीविका एकीकृत पार्क में संचालित की जा रही सभी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. भ्रमण के पश्चात उन्होंने स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ बैठक आयोजित की. गवर्नमेंट ऑफ जर्मनी के सदस्यों ने मनरेगा आजीविका एकीकृत पार्क भाऊखेड़ी में गौशाला संचालन, गोकाष्ट, गोबर से बनने वाले उत्पादों, मछली पालन, थाई अमरूद उद्यान तथा मंडप विधि से सब्जी उत्पादन सहित अन्य गतिविधियों को देखा. स्वसहायता समूह की सदस्य मनीषा मालवीय ने उन्हें पार्क में की जा रही सभी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मनीषा ने बताया कि पार्क में लगाई गई सब्जियों तथा फलों के लिए जैविक खाद का ही उपयोग किया जाता है.
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