पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदक को जानकारी नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग के आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने जन सूचना अधिकारी ने (सचिव ग्रा.पं.बेंदकुरा) को दो पृथक आवेदन पर 25-25 हजार रुपए कुल 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

इस राशि को मुख्य कार्यपालन अधिकारी गरियाबंद को निर्देशित कर आयोग द्वारा अधिरोपित उक्त अर्थदंड की राशि बेंदकुरा जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सचिव अनुज ठाकुर से नियमानुसार वसूल कर शासकीय कोष में जमा कराने के साथ ही राशि को जमा कराते हुए चालान की प्रमाणित प्रति के साथ आयोग को भेजने का आदेश दिया गया.

बता दें कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी प्राप्त करने की मंशा से आवेदक हिमांशु सांगाणी द्वारा जनवरी 2022 में ग्राम पंचायत बेंदकुरा के जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सचिव अनुज ठाकुर से दो अलग-अलग योजनाओं के तहत प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी बिल वाउचर सहित मांगी गई थी, जिस पर जन सूचना अधिकारी द्वारा किसी तरह का कोई पत्राचार नहीं किया गया था.

इसके बाद 3 मार्च 2021 को प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत में अपील की गई, जब इस पर पत्राचार किया गया तो जन सूचना अधिकारी ने आवेदन प्राप्त ही नहीं होने की बात कहते हुए जानकारी नहीं देने की बात कही, जिसके बाद उक्त पूरे मामले को लेकर आवेदक द्वारा 5 मई 2021 को द्वितीय अपीलीय अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त राज्य सूचना आयोग रायपुर को आवेदन किया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयोग ने 9 फरवरी 2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की.

साल भर बाद की मिली तारीख पर भी जन सूचना अधिकारी द्वारा नहीं किसी तरह का कोई पत्राचार किया गया और ना ही आवेदक को कोई जानकारी नहीं दी गई, जो कि जन सूचना अधिकारी के लापरवाह रवैए को उजागर करती है. इस सुनवाई में भी जन सूचना अधिकारी अनुपस्थित रहे. उनके द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई.

इस पर राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी द्वारा अधिनियम की धारा 7(1) तथा धारा 20(1) के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए कहा गया कि क्यों ना उन पर ₹250 प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम ₹25000 का अर्थदंड अधिरोपित किया जाए.

इस आदेश के बावजूद 12 मई को जन सूचना अधिकारी द्वारा सुनवाई में उपस्थित होने के बाद भी जानकारी प्रदाय नहीं की गई, जिसको लेकर राज्य सूचना आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(8) क(1) के तहत जन सूचना अधिकारी बेंदकुरा को निर्देशित किया कि वह आवेदक के आवेदन में मांगी गई. जानकारी अपीलार्थी को आयोग के आदेश के प्राप्त होने के 30 दिवस के भीतर निशुल्क पंजीकृत डाक से भेजे.

इस मामले में सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 7(1) का उल्लंघन प्रमाणित होने पर आयोग के द्वारा दो अलग अलग आवेदन के लिए 25-25 हजार का अर्थदंड अधिरोपित गया है. इस हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित करते हुए ग्राम पंचायत सचिव अनुज ठाकुर से अर्थदंड की राशि नियमानुसार वसूल कर शासकीय कोष में जमा करने का आदेश जारी किया गया है.

Negligence in RTI
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