नीरज काकोटिया,बालाघाट। बालाघाट के लामता औद्योगिक बासागर में मिले अचेत शावक तेंदुआ की उचित उपचार के अभाव में आज मौत हो गई। एक दिन पूर्व ही बालाघाट के लामता के बासागर डिपो में मादा शावक तेंदुआ अचेत हालात में पाया गया था। जिसे कान्हा की रेस्क्यू टीम के द्वारा उपचार दिया गया था। कान्हा रेस्क्यू टीम उपचार के बाद वापस हो गई थी।

शावक तेंदुए को पिंजरे में वन अमले की देखरेख में रखा गया था। इसे वन विभाग की लापरवाही ही कहे कि उपचार के बाद भी शावक तेंदुए की आज मौत हो गई। अब ऐसे में वन विभाग पर शावक तेंदुए की मौत के बाद सवाल उठने लगे है कि आखिर देखरेख में रखने के बाद भी शावक ने दम तोड़ कैसे दिया। क्या कारण है कि उपचार के बाद भी तेंदुए की मौत हो गई।

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वहीं इस संबंध में शव परीक्षण के बाद पशु चिकित्सक घनश्याम परते ने बताया कि मादा शावक तेंदुआ की मृत्यु लगभग 15 दिन से भूखे रहने से हुई है। शायद निरन्तर उपचार होता तो मादा तेंदुआ की मृत्यु नहीं होती। उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र आधीकारी कृष्ण कुमार नामदेव द्वारा मादा शावक तेंदुआ का शव परीक्षण करा कर अंतिम संस्कार कराया गया।

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