मनीषा त्रिपाठी, भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) में बसों के संचालन पर नेतागिरी हावी है. नेतागिरी का आलम यह है कि प्रदेश में चलने वाली 50 फीसदी से अधिक बसों के मालिक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेता हैं. जानकारी के मुताबिक 9 हजार से ज्यादा बस ऑपरेटर बीजेपी-कांग्रेस से जुड़े हैं.

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आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 37 हज़ार 276 बसें परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज है. शैक्षणिक संस्थानों में 19 हजार और यात्रियों के लिए 18 हज़ार 276 का संचालन हो रहा है. नेताओं की बसों में सबसे ज्यादा फिनेटस, परमिट, बीमा न होने की आती शिकायतें हैं. नेतागिरी

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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में तेजी से सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. अधिकतर हादसे वाहनों की तेज रफ्तार एवं असावधानी के कारण ही हो रहे हैं. इतना ही नहीं, प्रदेश में खटारा बसों की भी भरमार है. जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं. इन बसों की बीते दिनों में गुना में एक दर्दनाक बस हादसा हुआ था. जिसमें 13 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी.

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