कर्ण मिश्र, ग्वालियर। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी पर वक्त के प्रभाव का पता लगाने के लिए न्यूट्रिलाइजिंग टेस्ट ग्वालियर में किया जाएगा. यहां 400 बच्चों के सैंपल लेने के बाद अब जिले के 200 वयस्क लोगों के ब्लड सैंपल भी लिए जाएंगे. यह काम गजराराजा मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग और माइक्रोबायोलॉजी विभाग करेगा.

दरअसल, न्यूट्रिलाइजिंग टेस्ट से लोगों के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाया जाएगा. अध्ययन किया जाएगा कि शरीर में बनी एंटीबॉडी पर क्या प्रभाव है, जो एंटीबॉडी शरीर में है वह कोरोनावायरस से लड़ने में कितना सक्षम है. वहीं इन सबके बीच एक बात यह भी चौंकाने वाली सांमने आई है कि शहर के गजरराजा मेडिकल कॉलेज में जिन बच्चों का एंटीबॉडी टेस्ट किया था, उनमें से ऐसे कई बच्चें हैं जिनके परिवार में किसी को भी कोरेना नहीं हुआ है. बावजूद इसके 40 फीसदी के आसपास एंटीबॉडी बन गई है.

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बता दें कि इसको लेकर अब डॉक्टर भी आश्चर्यचकित हैं. बहरहाल इस सप्ताह से मेडिकल कॉलेज में एंटीबॉडी टेस्ट शुरू हो जाएंगा. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के संक्रमण की रोकथाम और इसके बच्चों पर पड़ने वाले घातक असर की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग ने बच्चों के बाद वयस्क लोगों को लेकर भी ये फैसला लिया है.

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