लखनऊ. यूपी विधानसभा का मानसून सत्र का आज चौथा दिन है. इसी बीच कल से विधानसभा की नई नियमावली लागू हो जाएगी. नई नियमावली के मुताबिक अब विधायक सदन में झंडे, बैनर और मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे. अध्यक्ष के आसन के पास भी जाने पर रोक रहेगी. सदन की कार्यवाही से विधायक ऑनलाइन जुड़ सकेंगे.
विधानसभा की कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा. नई नियमावली में सत्र संचालन के विषय में बदलाव किया जाएगा. साथ ही सत्र बुलाने के लिए अब नोटिस अवधि 7 दिन होगी. वनए नियम में विधायक अध्यक्ष को पीठ नहीं दिखा सकेंगे. सदन की कार्यवाही के समय दस्तावेज फाड़ने पर भी रोक रहेगी.
नई नियमावली कहती है कि विधायक अब सदन में बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड नहीं ले जा सकेंगे. वे न तो हंगामा करने के लिए अध्यक्ष के आसन के पास जा पाएंगे और न ही कोई कागज फाड़कर विरोध जता पाएंगे. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि विपक्षी पार्टियों के विधायक इसी माध्यम से सदन में अपना विरोध जाहिर करते हैं.
नए नियम के तहत विधायकों को सदन में अपने बैठने के स्थान पर मोबाइल ले जाने पर रोक होगी, वे किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं ले जा सकेंगे, विधायक विरोध करने या कोई बात कहने के लिए अध्यक्ष के आसन के पास नहीं जा सकेंगे, इसके अलावा विधायक अध्यक्ष के आसन की ओर पीठ करके न बैठ सकेंगे, न खड़े हो सकेंगे.
इस नियमावली के लिए विधायकों से 8 अगस्त को संशोधन प्रस्ताव मांगे गए थे, इसके बाद 9 अगस्त को चर्चा में इन प्रस्तावों को रखा गया. हालांकि अभी इस नई नियमावली पर मुहर नहीं लगी है. इस नई नियमावली पर चर्चा के दौरान ये कहा गया कि अध्यक्ष की अनुमति से सदस्य प्रश्नाचीन विषयों संबंधी तथ्यों पर स्पष्टीकरण के लिए दो अनुपूरक प्रश्न पूछ सकेंगे.
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वहीं विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक लाल जी वर्मा ने सुझाव दिया कि दो अनुपूरक प्रश्नों के स्थान पर इसे तीन प्रश्न कर दिया जाए. नई नियमावली में कहा गया है कि निराधार शिकायत- ऐसी अवस्था में जब सदन को यह पता चले कि विशेषाधिकार भंग अथवा अवमानना का आरोप निराधार है, तो वह आदेश दे सकेगा कि शिकायत करने वाला, उस पक्ष को जिसके विरूद्ध शिकायत की गयी हो, खर्च के रूप में अधिकतम 50 हजार रुपये की धनराशि दे.
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इस नई नियमावली पर चर्चा के बाद स्पीकर सतीश महाना ने इस पर विचार करने के लिए कहा है, और इस पर इसी सत्र में मुहर लगाए जाने की बात भी कही है. अगर ऐसा होता है कि तो उत्तर प्रदेश इतने बड़े स्तर पर नई नियमावली स्थापित करने वाला पहला राज्य हो जाएगा.
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