Snooping Case: शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर CBI ने जासूसी मामले में नया केस दर्ज किया है. मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था. FIR के मुताबिक, फीडबैक यूनिट केस में सिसोदिया समेत 6 लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर हुआ है.

सिसोदिया के अलावा जिन 5 अन्य लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें तत्कालीन विजिलेंस सेक्रेटरी सुकेश कुमार जैन, रिटायर्ड डीआईजी, सीआईएसएफ एंड स्पेशल एडवाइजर टू सीएम एंड जॉइंट डायरेक्टर फीडबैक यूनिट, रिटायर्ड जॉइंट डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार पुंज (डिप्टी डायरेक्टर FBU), रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट CISF  सतीश खेत्रपाल (फीड बैक अफसर), गोपाल मोहन (दिल्ली सीएम के एडवाइजर) और एक अन्य नाम शामिल हैं.

बीती 8 फरवरी को सीबीआई फीडबैक यूनिट के कथित जासूसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आप नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की आशंका जताई जा रही थी.

क्या है मामला?

केजरीवाल सरकार ने 2015 में सत्ता में आने के बाद फीडबैक यूनिट बनाई थी. 2016 में विजिलेंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी केसी मीणा ने FBU को लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद मामले में जांच शुरू हुई थी. पिछले महीने ही गृह मंत्रालय ने CBI को इस मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की परमिशन दी थी. CBI का कहना है कि ये यूनिट राजनीतिक जानकारियां इकट्ठा करती थी. यूनिट की 40% रिपोर्ट इन्हीं जानकारियों के बारे में थीं.