कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में गिरफ्तार आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के एक के बाद एक कारनामे उजागर हो रहे हैं. एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा ने एक फर्जी आईडी के जरिए नकली रेमडेसिविर की खेप जबलपुर बुलवाई थी.
बता दें कि नकली रेमडेसिविर मामले की जांच में इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार प्रखर कोहली से पूछताछ में खुलासा हुआ कि कोहली ने मोखा के कहने पर इंदौर से इंजेक्शन की खेप जबलपुर भेजी थी. जिस आईडी पर इंदौर के अम्बे ट्रैवल्स की बस से इंजेक्शन की खेप जबलपुर भेजी गई, वो जांच में फर्जी पाई गई है.
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नकली आईडी की एसआईटी करेगी जांच
फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि ये आईडी किसकी थी, और मोखा ने उसका इस्तेमाल किस तरीके से किया. वहीं दूसरी तरफ सिटी हॉस्पिटल में मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने का खुलासा भी हो गया, जिसके बाद एसआईटी के सामने कई शिकायतें सामने आने लगीं.
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नकली इंजेक्शन लगाने का आऱोप
वहीं नकली इंजेक्शन से सिटी हॉस्पिटल में भर्ती होकर जान गंवाने वाले 3 कोरोना मरीजों के परिजनों ने रविवार को अपनी शिकायत ओमती पुलिस थाने में दर्ज करवाई है. मृत मरीजों के परिजनों ने सिटी हॉस्पिटल पर इलाज में लापरवाही बरतने और उनके मरीजों को नकली रेमडेसिविर लगाने का आरोप लगाया है. साथ ही सिटी हॉस्पिटल द्वारा इलाज की तय दर से कहीं ज्यादा वसूली की भी शिकायतें पुलिस थाने में दर्ज करवाई गईं हैं.
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अबतक अस्पताल 15 शिकायतें दर्ज
अबतत हुई शिकायतों को मिलाकर सिटी हॉस्पिटल के खिलाफ कुल 15 शिकायतें पुलिस ने दर्ज कर लिया है. पुलिस अब इन शिकायतों को एसआईटी को सौंपने और मामले की जांच की बात कह रही है.
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