रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आज नया टैरिफ जारी किया. नई बिजली दर को लेकर बिजली कंपनी ने बताया, विद्युत दर में विगत वर्ष की तुलना में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 20 पैसा और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देना होगा. नई बिजली दरें सभी के लिए हितकारी और विकासपरक है.
वितरण कंपनी के एमडी भीमसिंह कंवर ने बताया कि समेकित रूप से विद्युत दर में विगत वर्ष की तुलना में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो नगण्य है. कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में दर वृद्धि की गई है, जिसका भार राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है. इससे कृषि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा. इसके अलावा अस्थायी कनेक्शनों, आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस आदि के लिए रियायतें बढ़ाई गई है या यथावत रखी गई है.

बिजली कंपनी ने कहा, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को विद्युत की लागत 7 रुपए 2 पैसे पड़ती है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4 रुपए 10 पैसे की दर से विद्युत आपूर्ति की जाती है. नए टैरिफ में निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. गौशाला, शासन द्वारा अधिसूचित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आने वाले स्टे-होम्स को घरेलू उपभोक्ता श्रेणी में सम्मिलित किया गया है. घरेलू उपभोक्ता श्रेणी के अंतर्गत लिए गए अस्थायी कनेक्शन पर नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है.
नक्सल प्रभावित जिलों में मोबाइल टॉवरों को 10 प्रतिशत की छूट
बिजली कंपनी ने बताया, नक्सल प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने मोबाइल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए इन क्षेत्रों में आने वाले सभी मोबाइल टॉवरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है. कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. कृषि पंपों के विद्युत देयकों का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है, इसलिए यह भार राज्य शासन स्वयं वहन करेगा.
गैर सबसिडी वाले कृषि पंप के उपभोक्ताओं को अब 30 प्रतिशत तक छूट
दरें बढ़ने पर बिजली कंपनी ने कहा, गैर घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. इसी श्रेणी के अंतर्गत लिए गए अस्थायी कनेक्शन पर भी नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है. गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 100 वॉट तक लाइट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी है.
पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए निम्न दाब इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग इकाइयों के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् 7.02 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है. उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात 6.32 रुपए प्रति केव्हीएएच निर्धारित किया गया है.
महिला समूहों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट रहेगी बरकरार
बिजली कंपनी ने बताया है कि नियामक आयोग ने महिला सशक्तिकरण के लिए पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग संबंधी गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखा है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा है. पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.
प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को औद्योगिक श्रेणी में किया शामिल
बिजली कंपनी ने बताया, अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया है. आफसेट प्रिन्टर्स एवं प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को गैर घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जो पहले की अपेक्षा कम है. इस तरह सम्यक रूप से यह नई दरें कृषि-ग्रामीण आदिवासी सहित सभी श्रेणी के प्राथमिकता श्रेणी वाले उपभोक्ताओं के लिए हितकारी और विकासपरक है.