Neville Tata: टाटा साम्राज्य के भीतर एक नई कहानी जन्म ले चुकी है. टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा के छोटे बेटे, नेविल टाटा (33) अब आधिकारिक तौर पर ‘सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट’ (SDTT) के बोर्ड में शामिल हो गए हैं. यह वही ट्रस्ट है, जो दशकों से टाटा समूह की चैरिटेबल और स्ट्रैटेजिक दिशा तय करता रहा है.

12 नवंबर से प्रभावी इस नियुक्ति को बोर्ड ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी है. नेविल की यह भूमिका सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है—बल्कि यह संकेत है कि अब टाटा परिवार की अगली पीढ़ी धीरे-धीरे नेतृत्व की पंक्ति में कदम रख रही है.
बोर्ड की नई तस्वीर
इस नई नियुक्ति के साथ ही बोर्ड में कई अहम बदलाव किए गए हैं. टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस वेणु श्रीनिवासन को फिर से वाइस चेयरमैन बनाया गया है. वहीं, टाइटन कंपनी के पूर्व एमडी भास्कर भट, जो लंबे समय से टाटा समूह के रणनीतिक निर्णयों में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, उन्हें भी बोर्ड में जगह मिली है.
अब SDTT बोर्ड में कुल सात ट्रस्टी शामिल हैं—यह समूह आने वाले वर्षों में टाटा ट्रस्ट्स की नीति और निवेश दिशा तय करेगा.
कौन हैं नेविल टाटा?
नेविल टाटा, नोएल टाटा और सिमोन टाटा के सबसे छोटे बेटे हैं. वह टाटा समूह के ‘नए चेहरे’ के रूप में देखे जा रहे हैं—हालांकि वह अब तक मीडिया और सार्वजनिक आयोजनों से दूरी बनाए रखते आए हैं.
उन्होंने लंदन के बेज बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई की है. फिलहाल वे ट्रेंट लिमिटेड से जुड़े हैं—यह वही कंपनी है जिसे उनकी दादी सिमोन टाटा ने स्थापित किया था.
नेविल की शादी मानसी टाटा से हुई है, जो टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की वाइस चेयरपर्सन हैं. इस कपल के दो बच्चे हैं—जमशेद और टियाना टाटा.
टाटा ट्रस्ट्स के भीतर नेविल पहले से ही JRD टाटा ट्रस्ट, RD टाटा ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, और टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के सदस्य हैं. अब सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में एंट्री के साथ, उनके कद और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गए हैं.
भास्कर भट और वेणु श्रीनिवासन की भूमिका
भास्कर भट पहले टाइटन में नोएल टाटा के साथ काम कर चुके हैं. उनकी रणनीतिक सोच और कॉर्पोरेट गवर्नेंस में पकड़ के कारण उन्हें फिर से ट्रस्ट बोर्ड में शामिल किया गया है. वहीं, वेणु श्रीनिवासन का पुनर्नियुक्त होना इस बात का संकेत है कि टाटा ट्रस्ट्स अब अनुभव और नई ऊर्जा का संतुलन साधना चाहता है.
नेविल की एंट्री का संकेत: अगली पीढ़ी की दस्तक
यह नियुक्ति महज़ एक प्रशासनिक कदम नहीं है—यह “टाटा हाउस” में नई पीढ़ी की औपचारिक एंट्री का प्रतीक है. क्योंकि नोएल टाटा स्वयं SDTT के स्थायी ट्रस्टी हैं, और अब उनके बेटे नेविल का बोर्ड में आना आने वाले वर्षों में सक्सेशन प्लानिंग की दिशा को साफ़ करता है.
सूत्रों के अनुसार, नेविल जल्द ही सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) में भी शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह उन्हें टाटा संस के बोर्ड तक पहुंचाने का रास्ता खोल देगा.
मेहली मिस्री के इस्तीफे के बाद खुला रास्ता
रतन टाटा के भरोसेमंद सहयोगी मेहली मिस्री ने हाल ही में तीन प्रमुख ट्रस्टों से इस्तीफा दे दिया था. 4 नवंबर को उन्होंने बोर्ड को पत्र भेजकर सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT), सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) और बाई हीराबाई जे.एन. टाटा नावसारी चैरिटेबल ट्रस्ट से अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी.
उसी रिक्त पद पर अब नेविल टाटा की नियुक्ति की गई है. पिछली बोर्ड वोटिंग में मिस्री के पुनर्नियुक्ति प्रस्ताव के खिलाफ नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने वोट किया था.
टाटा ट्रस्ट्स की शक्ति: 66% हिस्सेदारी टाटा संस में
टाटा ट्रस्ट्स, टाटा ग्रुप की रीढ़ हैं. टाटा संस की लगभग 66% हिस्सेदारी इन्हीं ट्रस्ट्स के पास है.यानी पूरे समूह के फैसलों, निवेशों और वैल्यू सिस्टम का बड़ा हिस्सा इन्हीं के जरिए संचालित होता है.
ग्रुप शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और आजीविका विकास के क्षेत्र में सैकड़ों प्रोजेक्ट्स चलाता है. वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा समूह का कुल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड़ रुपए रहा, और यह समूह 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है.
इतिहास से वर्तमान तक: टाटा की विरासत का नया अध्याय
1868 में जमशेदजी टाटा ने जिस सपने की नींव रखी थी, वह अब 150 साल बाद नेविल टाटा जैसी नई पीढ़ी के हाथों में आने लगा है. एक समय, जब रतन टाटा ने अपने नेतृत्व से समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी. अब अगली पीढ़ी के सामने चुनौती है: परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखना. नेविल की नियुक्ति इसी दिशा में पहला निर्णायक कदम है.
नेविल टाटा की नियुक्ति एक संकेत है कि “टाटा साम्राज्य की अगली सुबह” अब नजदीक है. जहां अनुभवी नेताओं की मौजूदगी में युवा पीढ़ी की सोच और नवाचार एक साथ आकार ले रहे हैं. रतन टाटा की विरासत अब एक नए युग में प्रवेश कर रही है— जहां नाम पुराना है, लेकिन कहानी नई शुरू हो चुकी है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

