जालंधर : वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बनाई जा रही नई एक्साइज पॉलिसी Excise Policy को लेकर ठेकेदारों से मीटिंगों का दौर शुरू हो चुका है। पिछली पॉलिसी से सरकार ने 10,145.95 करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाया था व इस बार विभाग द्वारा 11,000 करोड़ रुपए जुटाने पर फोकस किया जा रहा है, जो कि अब तक का सबसे अधिक संभावित लक्ष्य रहेगा।

बताया जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र से पहले पॉलिसी की घोषणा कर दी जाएगी जिसके चलते इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। 2025-26 की एक्साइज पॉलिसी पर विचार-चर्चा के लिए चंडीगढ़ में लगातार अहम मीटिंगें हो रही हैं जिसमें विभिन्न मुद्दे उठाए जा रहे हैं। ठेकों पर ग्रुपों को बिक्रीलाइसैंस एल-2/एल-14एकी ताजा अलाटमैंट ड्रा द्वारा होगी या इसके लिए टेंडर कॉल किए जाएंगे, इस पर भी विचार चल रहा है। पिछली बार सरकार ने ड्रा के जरिए ग्रुपों की अलाटमैंट की थी।

अधिकारियों का कहना है कि पॉलिसी के अंतर्गत शराब के व्यापार को स्थिर करने और इस दिशा में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। वहीं, लाइसैंसों के लिए ग्रुप का साइज रणनीतिक तौर पर कम करने व बढ़ाने पर विचार चल रहा है, और प्रक्रिया को उचित बनाने के लिए एक अनुकूल लाइसैंस फीस की शुरूआत की जा रही है।

पिछले वर्ष ग्रुपों का आकार घटाते 15 प्रतिशत कम या अधिक के अंतर के साथ 35 करोड़ रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि एडजस्टेबल लाइसेंस फीस रुपए की दर से वसूली पर फोकस है। परचून आई. एम.एफ. एल./आई.एफ.एल. के पास जारी करने के लिए 200 रुपए प्रति प्रूफ लीटर और परचून बीयर के पास जारी करते समय 50 रुपए प्रति बल्क लीटर लाइसेंस फीस के दामों को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। पिछली बार की पॉलिसी में शराब के ग्रुपों को 152 से बढ़कर 236 किया गया था, इस बार ग्रुपों की संख्या में फेरबदल होने का अनुमान कम ही नजर आ रहा है। हो सकता है कि इसमें हल्की-फुलकी बढ़ौतरी की जाए लेकिन ग्रुप संख्या में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदारों के सुझावों के बाद इसकी संख्या निर्धारित की जाएगी।

विभाग द्वारा एक्साइज पॉलिसी की रूपरेखा तैयार की जा रही है जिसके लिए ठेकेदारों के साथ मीटिंग करके उनके सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसमें ग्रुप के अन्तर्गत आने वाले ठेकों की संख्या जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है। वहीं ठेकेदारों के साथ पंजाब भर में चल रही मीटिंगों में ठेके खत्म होने तक शराब की बिक्री को नियमों के मुताबिक करने की हिदायतें दी गई हैं।