दिल्ली के करीब ढाई लाख लोगों को बेहतर पानी सप्लाई देने के लिए जल बोर्ड अब ‘एक कमांड, एक ऑपरेटर’ थ्योरी पर काम कर रहा है। इसके तहत प्लान है कि वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (कमांड सेंटर) से पानी सप्लाई का जिम्मा जिस प्राइवेट ऑपरेटर को दिया गया है, वही ऑपरेटर उस एरिया में पाइपलाइन बिछाने, लीकेज ठीक करने और बिलिंग कलेक्शन तक का पूरा काम देखेगा। दिल्ली में इस वक्त कुल 8 कमांड सेंटर है और हर एक कमांड सेंटर से 7 से 10 विधानसभा क्षेत्रों में पानी सप्लाई होता है।
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प्राइवेट ऑपरेटर पानी सप्लाई का काम संभाल रहे
बता दें कि द्वारका वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में कच्चा पानी बवाना से आता है। इसे ट्रीट करके प्लांट से जुड़े 6 कमांड टैंक में भेजा जाता है। इन टैंकों से द्वारका इलाके की 10 विधानसभाओं में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों को पानी सप्लाई की जाती है। हर कमांड टैंक से जुड़े सैकड़ों इलाकों में अलग-अलग प्राइवेट ऑपरेटर पानी सप्लाई का काम संभाल रहे हैं।
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जल मंत्री प्रवेश सिंह ने क्या बताया
ये ऑपरेटर अपने स्तर पर मजदूर लगाकर पाइपलाइन, वॉल्व कंट्रोल और मेंटिनेंस का काम करते हैं। दिल्ली सरकार में जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के मुताबिक, अब यह जिम्मेदारी बिखरे हुए ऑपरेटरों को न देकर एक ही ऑपरेटर को दी जाएगी। यानी, किसी भी ट्रीटमेंट प्लांट के अंतर्गत आने वाले सभी कमांड टैंकों से जुड़ा काम अब एक ही ऑपरेटर के पास होगा। वही ऑपरेटर नई पाइपलाइन बिछाएगा, पुरानी या खराब लाइनों की मेंटिनेंस करेगा और वॉटर सप्लाई मैनेज करेगा।
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जवाबदेही एक ही एजेंसी के पास
नई थ्यूरी के तहत, पानी सप्लाई के साथ-साथ बिलिंग और वसूली का काम भी उसी ऑपरेटर को सौपा जाएगा। अभी की स्थिति में अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी की वजह से लोगों को कई बार पानी की किल्लत और खराब सर्विस का सामना करना पड़ता है। यही नहीं, कच्चे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक लाने वाले बूस्टिंग पंपिंग स्टेशनों के ऑपरेटर भी अलग-अलग होते है, जिससे पूरे सिस्टम में तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है। नई ‘एक कमांड, एक ऑपरेटर’ मॉडल का मकसद यही है कि वॉटर सप्लाई से जुड़े तमाम कामो की जवाबदेही एक ही एजेंसी के पास हो, ताकि लोगों को समय पर और बेहतर सर्विस मिल सके।
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