नई दिल्ली. गूगल ने एक नया ट्रांसलेशन टूल अनाउंस किया है जो किसी एक भाषा में आवाज सुनकर उसे दूसरी भाषा में ट्रांसलेट कर देगा. खास बात यह है कि ट्रांसलेशन के बाद उसी आवाज में दूसरी भाषा का अनुवाद सुनाई देगा. बोलने वाले की ओरिजनल आवाज में ही दूसरी भाषा में अनुवादित परिणाम सुनने को मिलेंगे. इस तरह किसी बात को दूसरी भाषा में समझाने या सुनने के लिए उसे टेक्स्ट फॉरमैट में लिखना नहीं पड़ेगा.

गूगल का ऑडियो ट्रांसलेशन टूल अपनी तरह का पहला सिस्टम होगा, जो बोलने वाले की आवाज में ही अनुवादित ऑडियो सुनाएगा. इस तरह एक्सपीरियंस असली बातचीत के बहुत करीब होगा और अलग से लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा. गूगल का दावा है कि ‘Translatotron’ नाम का यह सिस्टम बोलने वाली की आवाज में ही आउटपुट देकर समझने वालों के लिए इसे आसान बना देगा. गूगल ने एक ब्लॉगपोस्ट में इस बारे में जानकारी दी और बताया कि यह टूल कैसे काम करता है.

ब्लॉगपोस्ट में लिखा है कि ऐसे में एक भाषा में कही हुई बात को दूसरी भाषा में बिना बीच में किसी खास बदलाव के अनुवादित किया जा सकेगा. इसके लिए यूजर्स को अपनी बात लिखकर ट्रांसलेट नहीं करनी होगी. साथ ही यह यूजर की आवाज में ही आउटपुट भी देगा, मानो बोलने वाला खुद ही दूसरी भाषा में बात कर रगा हो. गूगल ने लिखा, ‘यह पहला एंड-टू-एंड मॉडल है जो सीधे कही हुई बात को एक से दूसरी भाषा में ट्रांसलेट कर सकता है.’ गूगल इसकी मदद से दिव्यांग यूजर्स के लिए भी इंटरफेस बनाना चाहता है.

फिलहाल, गूगल का ट्रांसलेशन सिस्टम तीन स्तर पर काम करता है. सबसे पहले ऑटोमैटिक स्पीच रेकग्निशन में आवाज सुनकर उसका टेक्स्ट डिवाइस पर टाइप हो जाता है. इसके बाद मशीन एक से दूसरी भाषा में इसे सामान्य टेक्स्ट की तरह ट्रांसलेट कर देती है. आखिरी स्टेप में टेक्स्ट-टू-स्पीच नए अनुवादित टेक्स्ट को बोलकर सुना देता है. ध्यान रहे कि यहां आउटपुट यूजर की नहीं बल्कि गूगल असिस्टेंट की आवाज में सुनाई देता है.