रायपुर। शराब बंदी का अहम वादा कर सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार अब इस बात का पता लगाएगी कि छत्तीसगढ़ में कितने लोग शराब पीने के आदी हैं. हालांकि सरकार शराबियों की निजता का भी पूरा ध्यान रखेगी, इसके लिए पीने वालों की गिनती न करके शराब की बोतलों के आधार आंकलन करेगी.
दरअसल शराब बंदी के लिए बनाई गई समिति की बैठक में यह सुझाव आया है. शराबबंदी और उसके प्रभावों के अध्ययन के लिए बनी राजनीतिक समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा के अनुसार आंकड़े जुटाते समय किसी की निजता का हनन नहीं होगा, किसी की पहचान उजागर नहीं की जाएगी. शराबबंदी के बाद शराबियों की स्थित जल बिन मछली की तरह हो सकती है, उनके इलाज और पुनर्वास केन्द्रों की जरुरत होगी. इस वजह से शराबियों के वास्तविक आंकड़ों की जरुरत होगी. यह सुझाव समिति में आया है.
आपको बता दें सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी करने के पहले एक सर्वदलीय समिति बनाई है जो शराबबंदी के बाद उसके होने वाले प्रभावों का अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर सरकार शराबबंदी किस तरह लागू करेगी उस पर फैसला किया जाएगा.