New Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को बजट भाषण में न्यू इनकम टैक्स बिल (नया आयकर बिल) लाने की घोषणा की थी। आज (13 फरवरी) वित्त मंत्री संसद में ‘नया आयकर बिल’ पेश करेंगी। नए आयकर विधेयक, 2025 को 1961 के पुराने कानून की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है। नए कानून का लक्ष्य पुराने कानून की जटिलताओं को समाप्त कर इसे आम करदाताओं की समझ में आने लायक बनाना और मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना है। सबसे बड़ा बदलाव टैक्स कैलकुलेशन के लिए ‘फाइनेंशियल इयर’ या ‘असेसमेंट इयर’ की जगह ‘टैक्स इयर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा।

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इससे पहले वित्त मंत्री ने 12 फरवरी को न्यू इनकम टैक्स बिल की पूरी प्रति सार्वजनिक की थी। बिल 622 पन्नों का है और इसमें कई महत्वपूर्ण संशोधन और प्रावधान जोड़े गए हैं। आइए, विस्तार से और आसान भाषा में जानते हैं कि इस नए बिल में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं और कौन-कौन सी इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा।

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कौन-सी इनकम नहीं होगी कुल आय का हिस्सा?

नए इनकम टैक्स बिल के चैप्टर-3 में बताया गया है कि कौन-कौन सी आय आपकी टोटल इनकम का हिस्सा नहीं होंगी।

  • विधेयक की अनुसूची-2,3, 4,5,6 और 7 में जो क्लॉज बनाए गए हैं, उन कैटेगरी में आने वाली इनकम को टैक्स का कैलकुलेशन करने के लिए टोटल इनकम का हिस्सा नहीं माना जाएगा। बल्कि ये अनुसूची में बताए गए नियमों के हिसाब से अलग-अलग कैलकुलेट होगी। इसमें खेती से आय, बीमा का आने वाला पैसा और पीएफ से आने वाली इनकम इत्यादि शामिल है।
  • हालांकि विधेयक में बताया गया है कि अनुसूची में बताई गई कैटगरीज के लिए जो शर्तें तय की गई हैं अगर वह किसी टैक्स इयर में पूरी नहीं होती हैं, तो उन पर टैक्स का कैलकुलेशन फिर उस साल के टैक्स नियमों के हिसाब से ही लिया जाएगा।
  • केंद्र सरकार विधेयक की अनुसूची-2,3,4,5,6 और 7 के लिए नियम बना सकती है. उनके लिए नए नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
  • राजनीतिक दल और इलेक्टोरल ट्रस्ट्स की आय को टोटल इनकम में शामिल नहीं किया जाएगा। किसी राजनीतिक दल या इलेक्टोरल ट्रस्ट की टोटल इनकम को कैलकुलेट करते वक्त विधेयक की अनुसूची-8 के नियम लागू होंगे।
  • अनुसूची-8 में बताया गया है कि राजनीतिक दलों को अपनी संपत्ति से आय, कैपिटल गेन इत्यादि का हिसाब-किताब रखना होगा. वह 20,000 रुपए की राशि से अधिक के अगर इलेक्टोरल बॉन्ड लेते हैं, तो उसका रिकॉर्ड रखना होगा। 2,000 रुपए से अधिक का डोनेशन वह नहीं ले सकते हैं, अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें इसका रिकॉर्ड रखना होगा।

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नए बिल में क्या-क्या बदलाव किए गए हैंः-

1) नया टैक्स ईयर और कर योग्य आय

इस बिल में “टैक्स ईयर” की परिभाषा स्पष्ट की गई है, जिससे करदाताओं को यह समझने में आसानी होगी कि किस अवधि की आय पर कर लगेगा।

नया टैक्स ईयर मुख्य बिंदु (New Tax Year Key Points)

  • कर योग्य आय की परिभाषा को विस्तारित किया गया है।
  • भारत में रहने वाले और विदेशों से आय अर्जित करने वाले नागरिकों के लिए नए टैक्स नियम लागू होंगे।
  • किसी संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कराधान की नई शर्तें लागू की गई हैं।

2) कर-मुक्त और छूट प्राप्त आय

सरकार ने कुछ आय स्रोतों को पूरी तरह कर-मुक्त रखने का प्रस्ताव रखा है।

कर-मुक्त आय के प्रकार (Types of Tax-Exempt Income)

  • राजनीतिक दलों और इलेक्टोरल ट्रस्ट की आय को टैक्स में छूट दी गई है।
  • कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त रखा गया है।
  • विशेष व्यवसायों, स्टार्टअप्स और एसएमई सेक्टर को टैक्स में रियायतें दी गई हैं।
  • धार्मिक ट्रस्ट, सामाजिक कल्याण संस्थाएं और दान में दी गई राशि पर कर छूट मिलेगी।

3) टैक्स की गणना के नए नियम

इस बिल में आय की गणना और कर की दरों में बदलाव किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए नियम अधिक स्पष्ट होंगे।

मुख्य बदलाव

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नया टैक्स ढांचा पेश किया गया है।

  • गृहस्वामी (House Owners) के लिए किराये से प्राप्त आय पर छूट और कटौती के नए नियम बनाए गए हैं।
  • पूंजीगत लाभ (Capital Gains) पर कराधान के नए नियम लागू किए गए हैं, जिससे शेयर बाजार और संपत्ति निवेशकों पर प्रभाव पड़ेगा।
  • व्यवसाय और पेशेवर करदाताओं के लिए नई कटौती और टैक्स छूट प्रदान की गई है।

4) टैक्स भुगतान में आसान प्रक्रिया और E-KYC अनिवार्य

सरकार ने टैक्स प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) और ऑनलाइन टैक्स भुगतान को अनिवार्य कर दिया है।

मुख्य बदलाव

  • ई-फाइलिंग (E-Filing) अनिवार्य होगी, जिससे टैक्स भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेशन सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे करदाता अपने टैक्स की गणना खुद कर सकेंगे।
  • GST और इनकम टैक्स को एकीकृत करने पर विचार किया जा रहा है।

5) व्यापार और प्रोफेशनल इनकम पर नए नियम

व्यवसायियों और प्रोफेशनल्स के लिए कराधान के नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

महत्वपूर्ण बदलाव

  • स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों के लिए कर में छूट और आसान कराधान प्रक्रिया।
  • ऑनलाइन और डिजिटल कारोबार से होने वाली आय पर नए टैक्स नियम।
  • बीमा, बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर के लिए विशेष कर लाभ।
  • व्यापारिक खर्चों और कटौती के लिए नए नियम जोड़े गए हैं।

6) पेंशन और निवेश पर कर लाभ

  • एनपीएस (NPS) और EPF पर टैक्स छूट को बढ़ाया गया।
  • बीमा योजनाओं पर अधिक कर लाभ।
  • रिटायरमेंट फंड और म्यूचुअल फंड में निवेश पर कर लाभ।

7) टैक्स चोरी पर कड़े प्रावधान और जुर्माना

गलत जानकारी देकर टैक्स बचाने वालों के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधान जोड़े गए हैं।

  • गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना लगेगा।
  • जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
  • बकाया टैक्स का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज और पेनल्टी।
  • आय छिपाने पर अकाउंट सीज़ और संपत्ति जब्त करने के अधिकार ।

8) नया कर प्रशासन और टैक्स अधिकारियों की भूमिका

  • कर अधिकारियों के लिए नई ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम।
  • टैक्स निरीक्षण और छानबीन के नए नियम।
  • करदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए “टैक्सपेयर चार्टर।

इनकम टैक्स बिल 2025 का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाना है। इस बिल में डिजिटलीकरण, टैक्स भुगतान में सुधार, टैक्स स्लैब में बदलाव और टैक्स चोरी पर कड़े नियमों का प्रस्ताव किया गया है।

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