रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई उद्योग नीति के लिए हाई पावर कमेटी का गठन करने तथा अधिकारियों, उद्योगपतियों की सम्मिलित बैठक करने के निर्देश दिए हैं.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीय (सीआईआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी.इस अवसर पर उद्योगपतियों ने सीएम से विभिन्न उद्योगों से संबंधित सुझाव और समस्याओं को रखा था और नई उद्योग नीति बनाने की मांग की थी,जिसके जवाब में सीएम ने यह जानकारी दी.

सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है. इन संसाधनों का समुचित उपयोग करने की जरूरत है, साथ ही इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि पर्यावरण का नुकसान भी नहीं हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोहा और कोयला पर आधारित उद्योग के अलावा अन्य उद्योग को बढ़ावा देना है, विशेष कर कृषि आधारित उद्योगों को.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पाद जैसे-केला, मक्का, टमाटर, चना की पैदावार अधिक है, लेकिन सिर्फ धान पर ध्यान देकर उद्योगों की स्थापना की गई है. आने वाले दिनों में अन्य फसलों से संबंधित उद्योगों का भी विकास किया जाना चाहिए. राज्य में आईटी, हेल्थ, कृषि से संबंधित उद्योग लगाए जाने हेतु पर्याप्त संसाधन है, सभी राज्यों से आवागमन की उचित सुविधाएं हैं. उद्योग विभाग आपके सहयोग के लिए है. उद्योगों की स्थापना पर्यावरण नियमों के दायरे में रहकर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. प्रदेश में उद्योगों की स्थापना से रोजगार का अवसर मिलेगा तथा सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से लोहा, कोयला एवं अन्य संसाधनों की कमी नही है. प्राथमिकता के तौर पर प्रदेश के उद्योगों को पर्याप्त संसाधन मिलने चाहिए. डेयरी उद्योग या पशुपालन से संबंधित कार्याे के लिए सरकार ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम के तहत फोकस किया जा रहा है. गौठान के माध्यम से गोबर गैस व खाद का निर्माण किया जाएगा. उद्योगपति भी गोबर गैस व्यवसाय में सहयोग करे तो बेहतर है. रासायनिक खाद की जगह वर्मी खाद या गोबर खाद को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है. गौठान से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए चैनलाइन बनाया जाएगा जिसे हर गांव को जोड़ने की कार्ययोजना है. इस अवसर पर सीआईआई के पदाधिकारी पंकज शारदा, रमेश अग्रवाल, नीता करमाकर, सतीश पाण्डेय सहित प्रदेश के विभिन्न उद्योगोें से संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.