दरअसल, यूरोपियन कार्डियोलॉजी सोसायटी ने ब्लडप्रेशर का सामान्य स्तर 130/90 की जगह 140/90 एमएम/एचजी मान लिया है। खास बात ये है कि भारत के ज्यादातर हृदय रोग विशेषज्ञ यूरोपियन गाइडलाइन को ही फालो करते हैं। वैसे कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया के सदस्यों और कई हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लोगों की जीवनशैली और रहन सहन का तरीका यूरोप के लोगों से अलग है इसलिए भारतीयों में ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर 130/80 ही रखा जाना चाहिए। ज्यादातर विशेषज्ञ इस बात के पक्ष में हैं कि यदि बीपी 140/90 से ऊपर जाता है तो इलाज शुरू करना चाहिए।
देश के मशहूर कार्डियोलाजिस्ट डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि डायस्टोलिक यानि निचला बीपी 80 ज्यादा कतई नहीं होना चाहिए। सिस्टोलिक यानि ऊपर का स्तर यदि लगातार 130 से ज्यादा रहता है तो इलाज शुरू करना चाहिए। अमेरिका और यूरोप की गाइडलाइन भारतीयों पर सटीक नहीं बैठती है। ऐसे में भारतीयों के लिए एक अलग गाइडलाइन की मांग उठने लगी है। वैसे ज्यादातर डाक्टर यूरोप के इस नए स्टैंडर्ड को फालो करने लगे हैं।