दिल्ली। नई शिक्षा नीति-2020 पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित किया है. उन्होंने आज ‘Conclave on Transformational Reforms in Higher Education under National Education Policy’ पर बात करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर देश भर में आज चर्चा हो रही है. अलग-अलग मत के लोग अपना विचार रख रहे हैं. एक स्वस्थ्य बहस नई शिक्षा नीति पर हो रही है. लेकिन ये अच्छी बात है कि कहीं भी देश भर से नई शिक्षा नीति को लेकर कोई विरोध नहीं हुआ है. हाँ यह जरूर है कि नई शिक्षा नीति पर शामिल कुछ विषयों को लेकर सवाल पूछ जा रहे हैं ? सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही है कि धरातल पर इसका क्रियान्वयन कैसे होगा ? यह एक जायज सवाल है. लेकिन इसके लिए हम सभी को मिलकर संकल्प लेना होगा कि हम नई शिक्षा नीति को बेहतर से बेहतर तरीके सभी जगहों पर लागू करें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत से लोगों ने यह सवाल किया है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में जरूरी क्यों ? मैं यह कह सकता हूँ कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है. यह एक बहुत बड़ी वजह है, इसलिए जहां तक संभव हो पाँचवीं तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है. हमारी कोशिश यही रहेगी कि बच्चों को प्राथमिक शिक्षा घर पर ही बोली जाने वाली भाषा में मिले. इससे बच्चों का विकास तेजी से होता है. बच्चें किसी भी बात को आसानी समझ पाते हैं. उनका आधार मजबूत होता है.
उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना भी होगा. पीएम मोदी ने कहा कि 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है.