रायपुर. डेयरी और पशुपालन को लेकर भूपेश सरकार नई नीति लाने जा रही है. इस बात की जानकारी कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में एग्रीकल्चार हार्टीकल्चर के साथ डेयरी, पिगरी, फिशरी और बकरी पालन के लिए अलग-अलग क्लस्टर बनाकर इसका विकास किया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को जिलेवार पायलट प्रोजेक्ट बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है. चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कैटल फीड इंडस्ट्री को बढ़ावा  दिया जाएगा. जिससे किसानों को फीड वहीं मिल सके.
उन्होंने नरवा, गरुवा,घुरवा अऊ बारी के संदर्भ में कहा कि अब इसके तहत नए गौठान हाईवे के किनारे बनाए जाएंगे ताकि मवेशियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके. गौरतलब है कि अभी प्रदेश में करीब 2600 गौठान बन चुके हैं या निर्माणाधीन हैं.
 पराली को खेतों में जलाने की घटना को खत्म करने और अतरिक्त चारा जमा करने के लिए सरकार हर जिले में बेलर पर अनुदान देने जा रही है. चौबे ने कहा कि बेलर पर पुरा अनुदान दिया जाएगा.