दिल्ली। अब मेडिकल छात्रों को सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी ही होंगी। इस बारे में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने नया नियम बना दिया है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में सभी पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों या संस्थानों में एमडी और एमएस करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं। नए नियम के मुताबिक देश के जिला अस्पतालों में इन छात्रों की तीन महीने के लिए तैनाती की जाएगी। ये अनिवार्य होगा। ये रोटेशन पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के तीसरे, चौथे या पांचवें सेमेस्टर में होगा। इस रोटेशन कार्यक्रम को ‘जिला रेजीडेंसी प्रोग्राम’ (डीआरपी) कहा जाएगा।

ये नया नियम 2020-2021 में पीजी बैच में शामिल होने वाले छात्रों पर लागू हो जाएगा। मेडिकल काउंसिल का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर छात्रों को जिला स्वास्थ्य प्रणाली से रूबरू कराना होगा। इसके साथ ही जिला अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से मेडिकल छात्रों को परिचित कराना और वहां लागू होने वाली योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में मददगार बनाना भी होगा।