दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और यातायात जाम से निपटने के लिए सरकार ने एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना का लक्ष्य तकनीक, बेहतर निगरानी और संसाधनों के कुशल उपयोग के जरिए सड़कों पर वाहन दबाव कम करना और राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। इसी के तहत कार पूलिंग को बढ़ावा देने, ट्रैफिक प्रबंधन को आधुनिक बनाने और सड़क रखरखाव में तेजी लाने जैसे कई महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की गई है।
दिल्ली सरकार जल्द ही एक विशेष कार पूलिंग ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसके माध्यम से एक ही दिशा में जाने वाले लोग साझा वाहन का उपयोग कर सकेंगे। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस पहल का लक्ष्य राजधानी में निजी वाहनों की संख्या कम करना, ईंधन की खपत पर नियंत्रण पाना और प्रदूषण को घटाना है।
PUC व्यवस्था होगी ज्यादा सख्त और प्रभावी
दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) प्रणाली में सुधार की योजना बनाई है। सरकार का लक्ष्य है कि यह व्यवस्था केवल औपचारिकता न बन जाए, बल्कि वास्तविक रूप से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती से नजर रखी जा सके।
सड़क सफाई के लिए करोड़ों का निवेश
शहर को साफ रखने और धूल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली नगर निगम को अगले दस वर्षों में लगभग 2,700 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। इस राशि का उपयोग आधुनिक मशीनरी खरीदने में किया जाएगा, जिससे सड़कों की सफाई और कचरा उठाने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी और तेज़ हो सकेगी।
गड्डों पर रहेगी बाहरी एजेंसी की निगरानी
दिल्ली की सड़कों पर गड्डों की समस्या से निपटने के लिए सरकार एक स्वतंत्र एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। यह एजेंसी पूरे साल सड़कों का सर्वे करेगी, उनकी स्थिति का आकलन करेगी और तस्वीरों सहित रिपोर्ट तैयार कर संबंधित विभागों को समय पर सूचना उपलब्ध कराएगी।
स्मार्ट सिस्टम से बदलेगा ट्रैफिक का हाल
दिल्ली सरकार एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित कर रही है, जिससे ट्रैफिक सिग्नल जाम की स्थिति के अनुसार स्मार्ट तरीके से नियंत्रित किए जा सकेंगे। इससे लाल बत्ती पर वाहनों का अनावश्यक रुकना कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इसके अलावा, प्रदूषण प्रभावित इलाकों की पहचान और निगरानी के लिए गूगल मैप्स के साथ सहयोग भी किया जाएगा।
पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग की पहल
दिल्ली सरकार वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। साथ ही, धुएं को कम करने वाली विशेष सतहों के विकास के लिए आईआईटी मद्रास के साथ समझौता किया गया है। मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करना आवश्यक है।
बढ़ते प्रदूषण केंद्र सरकार के लिए चुनौती
सरकार के अनुसार, पहले जहां प्रदूषण के 13 प्रमुख केंद्र चिन्हित थे, उनकी संख्या अब बढ़कर 62 हो गई है। प्रशासन अब वाहनों, औद्योगिक गतिविधियों और धूल से होने वाले प्रदूषण पर एक साथ कार्रवाई करने की रणनीति पर काम कर रहा है, ताकि राजधानी की हवा साफ और शहर का परिवहन सुगम बनाया जा सके।
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