पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. अवैध उत्खनन पर लगाम कसने जिला खनिज विभाग ने नई रणनीति बनाई हैं. जिसके खिलाफ हाइवा मालिकों ने विधायक बृजमोहन अग्रवाल से मदद की गुहार लगाई है.
हाइवा मालिकों ने रेत की अवैध निकासी के नाम पर थानेदारों और तहसीलदारों पर वसूली का आरोप लगाया है. साथ ही सरकार की नई रेत नीति पर कई सवाल उठाए. जिला खनिज विभाग ने अवैध उत्खनन रोकने के लिए नई रणनीति तैयार की है. इसके अलावा अवैध उत्खनन करते या परिवहन करते वाहनों पर चालान भी कई गुणा बढ़ा दिया गया है. विभाग ने ये सब कुछ उस समय किया जब रेत माफियाओं ने खनिज विभाग के अधिकारियों को ही निशाने पर लेना शुरू कर दिया.
बता दें कि दो दिन पहले ही रेत माफियाओं ने माइनिंग टीम को गाड़ी से कुचलने की कोशिश की थी, उसके बाद विभाग ने इस नई रणनीति पर काम करना शुरू किया है. इसमें भी कोई दो मत नहीं कि जिले में बड़े पैमाने पर जो अवैध उत्खनन हो रहा है, उसके लिए कही ना कहीं खनिज विभाग ही जिम्मेदार रहा है. अब विभाग अपनी नई रणनीति से स्थिति सुधरने का दावा कर रहा है.
वहीं जिला खनिज अधिकारी एफएल नागेश ने बताया कि अब अवैध उत्खन्न लगाम कसने के लिए रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई गई हैं. साथ ही नई रणनीति के तहत अवैध उत्खनन करते या परिवहन करते वाहनों पर चालान भी कई गुणा बढ़ा दिया गया है. पहले जिस गाड़ी का 8 हजार का चालान होता था, अब उस गाड़ी का 30 हजार रुपये का चालान करने की रणनीति विभाग ने तैयार की है.