कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी गुजरात इकाई से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने से परहेज करने के लिए कहा है. साथ ही, कहा है कि वे लोगों के मुद्दों को उठाएं और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की नीतियों को निशाना बनाएं. यह जानकारी सूत्रों ने दी. कांग्रेस की टास्क फोर्स ने सोमवार को करीब 5 घंटे तक बैठक की, जिसमें गुजरात के नेताओं को बुलाया गया और उनसे विधानसभा चुनाव के लिए एकजुट होकर तैयारी करने को कहा, जो पिछले 27 सालों से राज्य में सत्ता पर काबिज है.

 रणनीति के हिस्से के रूप में पार्टी विशेष रूप से कोविड और कोविड से पहले के दौरान राज्य सरकार की विफलता को उजागर करेगी. कांग्रेस को हाल के दिनों में स्थानीय निकाय चुनावों में जोर का झटका लगा था. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, के.सी. टास्क फोर्स की बैठक में वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार सुनील कानूनगोलू मौजूद थे. पिछले विधानसभा चुनावों में, पार्टी ने 77 सीटें जीती थीं, लेकिन तब से कई विधायकों ने पाला बदल लिया है.

 1985 के विधानसभा चुनावों में गुजरात कांग्रेस ने 55.55 प्रतिशत वोट शेयर के साथ रिकॉर्ड तोड़ 149 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 14.96 प्रतिशत वोट शेयर के साथ केवल 11 सीटें हासिल कर सकी थी. 2012 के चुनावों में, कांग्रेस का वोट शेयर घटकर 38.93 प्रतिशत हो गया, जबकि भाजपा का वोट शेयर 47.85 प्रतिशत हो गया.

आम आदमी पार्टी भी गुजरात में सत्ता के ख्वाब देख रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली में अपनी सरकार और गुजरात में शासन के बारे में बात की थी.