वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में नया मोड़ सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने मामले को वाराणसी जज को ट्रांसफर कर दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया गया है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को ऑर्डर 7 रूल 11 मामले की सुनवाई 8 हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है.

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, हम एक संदेश देना चाहते हैं कि, देश में एकता का माहौल बना रहना चाहिए. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बिना किसी समुदाय का नाम लिए कहा कि, एक हीलिंग टच देने यानी मरहम रखने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट लीक होने पर चिंता जताई है.

नमाज पढ़ने की कोई पाबंदी नहीं
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने आदेश में निचली अदालत के 16 मई के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मस्जिद के एक बड़े इलाके को सील करने का आदेश दिया था और सर्द 20 नमाजियों को नमाज पढ़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को उस आदेश पर रोक लगा दी थी और कहा था कि, सिर्फ उस जगह को सुरक्षित किया जाएगा जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. साथ ही ये भी कहा था कि, नमाजियों के मस्जिद में जाने या नमाज पढ़ने की कोई पाबंदी नहीं होगी. किसी भी तादाद में नमाजी मस्जिद में जायेंगे.

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इसके अलावा मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि, हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि धर्मस्थल कानून 1991 के अनुसार किसी धार्मिक स्थल का चरित्र जैसा 15 अगस्त 1947 में था वैसा ही रहेगा. इस पूरे मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का जो अंतरिम आदेश था, जो एरिया सील किया गया है जहां शिवलिंग पाया गया है वो बरकरार रहेगा. ज्ञानवापी मस्जिद में वजू खाने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. जबकि सुप्रीम कोर्ट जुलाई के दूसरे हफ्ते में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने की.