मुंबई। कुत्ते-बिल्ली के काटने से होने वाली रेबीज से बचने के लिए अब पांच इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं है, केवल तीन इंजेक्शनों से रेबीज के वायरस खत्म हो जाएंगे. दिग्गज फार्मास्यूटिकल्स कंपनी कैडिला ने शुक्रवार को रेबीज के खिलाफ दुनिया का पहला तीन खुराकों वाला टीका विकसित करने का ऐलान किया है. ‘ThRabis’ नाम का यह टीका रिकॉम्बिनेंट नैनो-पार्टिकल आधारित जी प्रोटीन टीका है, जिसका निर्माण वायरस जैसी पार्टिकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किया गया है.

कैडिला फार्मास्यूटिकल्स के सीएमडी राजीव मोदी ने नए टीके के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा कि कि नया टीका एक गेम चेंजर साबित होगा क्योंकि वर्तमान में मौजूद सभी रेबीज टीकों में पांच इंजेक्शन लगाने की जरूरत होती है. इसमें 28 दिन का समय लगता है. वहीं, कैडिया के इस नए टीके की तीनों खुराकें एक सप्ताह के अंदर ही दी जानी होती हैं. सीएमडी ने कहा कि लंबे और जटिल खुराक शेड्यूल के चलते जानवरों के काटने का शिकार हुए कई लोग टीके का कोर्स पूरा नहीं कर पाते हैं, जिससे कई मरीज असुरक्षित रह जाते हैं, जिससे रेबीज से पीड़ित होने की आशंका बढ़ जाती है. इस तीन खुराक वाले टीके से कई जानें बचाई जा सकेंगी.

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हर साल भारत में 20 हजार लोगों की जाती है जान

दुनिया में हर साल रेबीज की वजह से लगभग 59 हजार लोगों की मौत होती है. कैडिला कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत में हर साल लगभग डेढ़ करोड़ लोग जानवरों के काटने का शिकार होते हैं. इनमें से अधिकतर मामले कुत्ते के काटने के होते हैं. एक सर्वे के अनुसार इनमें से केवल 30 लाख लोग ही डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं. इनमें से भी 30 फीसदी लोग तीन डोज के बाद टीका नहीं लगवाते और 40 फीसदी आखिरी डोज नहीं लेते. इस तरह से उपलब्ध टीके का कोर्स पूरा न करने की वजह से भारत में हर साल 20 हजार से अधिक लोगों की जान चली जाती है.

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