दीपक कौरव, नरसिंहपुर। इन दिनों नगर के पोस्ट ऑफिस के बाउंड्रीवाल निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है। बाउंड्रीवाल बनाने  में गुणवत्ता की खलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जर्जर टूटी दीवार की ईंटों से ही पोस्ट ऑफिस की नई दीवार बनाई जा रही है। दीवार में लगने वाला मसाला भी 18-एक की श्रेणी में लगाया जाने से निर्माण कार्य की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।  सीमेंट की मात्रा न के बराबर है। जिससे निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य महज औपचारिकता बनकर रह गया है।

पोस्ट आफिस परिसर में चल रहे मरम्मत कार्य मे निर्माण कार्य के ठेकेदार और पोस्ट ऑफिस के सिविल बिंग का गड़बड़ियों साफ उजागर हो रही है। जहाँ पर पुरानी ईंटो से नव निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ये ईंटे पुरानी जर्जर हुई दीवार से ही निकली हैं। यदि इन ईंटो की गुणवत्ता सही थी, तो पुरानी दीवार को क्यो गिराकर नई दीवार बनाई जा रही है। इस सम्बंध में ठेकेदार और सुपरवाइजर भी मौन है। जबकि दीवार में पुरानी ईंटो को पर पुराना पुताई का रंग और प्लास्टर की परत भी आसानी से देखी जा सकती है।

विभागीय निगरानी भी सन्देह के घेरे में
पोस्ट ऑफिस के भवन में पुराने कार्यालय के कमरों और परिसर में मरम्मत कार्य के साथ नव निर्माण भी चल रहा है। जिसके अंतर्गत पुराने शौचालयों का जीर्णाेद्धार, पुरानी बिल्डिंग में प्लास्टर, कार्यालय के पीछे वाले परिसर का सीमेंट्रीकरण, परिसर की बाउंड्रीवाल, भवन का पुताई,रंग रोगन कार्य सहित अन्य मरम्मत के कार्य भी होने है। लेकिन किये गये निर्माण और मरम्मत कार्य मे घटिया सामग्री का उपयोग होने से गुणवत्ता में अनदेखी तो हो ही रही है। वहीं भवन के कमरों में हुए प्लास्टर औऱ निर्माण कार्य में समय से तराई तक नही हो रही है। इससे विभागीय निगरानी भी सन्देह के घेरे में आ जाती है।

मरम्मत और निर्माण की जानकारी नही
चल रहे निर्माण कार्य मे सबसे बड़ा गोल माल तो ये है कि मौके पर मौजूद निर्माण एजेंसी के सुपरवाइजर को निर्माण कार्य की लागत, आगामी कार्ययोजना और अन्य निर्माण की जानकारी तक नहीं है। न ही उसके पास निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य के कोई दस्तावेज है। जिससे वह बता सके कि किस गुणवत्ता के क्या-क्या कार्य होने जा रहे हैं। जबकि कोई भी कार्य की निर्धारित रूपरेखा बनाई जाती है। जिसकी तय ड्राइंग डिजाइन और कार्ययोजना होती है। जिससे मौके पर कार्य की जानकारी हो सके।

शिकायत पर नही दिया गया ध्यान
निर्माण कार्य की गुणवत्ता, बरती जा रही कोताही और निर्माण कार्य से हो रहे का कार्यालयीन व्यवधान के चलते मौजूदा स्टाफ और पोस्ट ऑफिस के उपडाकपाल ने भी तत्सम्बन्ध में संबंधित ठेकेदार और विभाग के सिविल विंग को भी शिकायत की है। इस दौरान 2 दिन निर्माण कार्य भी बंद रहा। परंतु ठेकेदार की मनमानी के सामने विभागीय अधिकारी भी बौने साबित हो रहे। और बिना गुणवत्ता की जांच के ही नव निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य जोरों पर चलने लगे।

लापरवाही की शिकायत विभाग से की गई

करेली उप डाकपाल सीता राम ने कहा कि निर्माण कार्य मे लापरवाही की शिकायत विभाग से की गई थी। दो दिन काम भी बंद रहा। चूंकि ये निर्माण कार्य सिविल बिंग के अंतर्गत आता है। लिहाजा हमारे पास इस निर्माण और मरम्मत की कोई जानकारी भी नही है।

निर्माण से संबंधित मेरे पास कोई दस्तावेज नहींः फील्ड सुपरवाईजर

फील्ड सुपरवाईजर मधुर जैन ने कहा कि निर्माण कार्य की कार्ययोजना संबंधी जानकारी ज्यादातर फोन से मिलती है, तो उस आधार पर काम होता हैं। कोई दस्तावेज यहां उपलब्ध नहीं है। इसके लिए आपको इंजीनियर या ठेकेदार से बात करने होगी।