इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में नए साल पर पर्यटक स्थल पर लोगों की भीड़ बढ़ गई है। ओर बढ़े भी क्यों न, फूल, पंखुड़ी और तितलियां भला किसे अच्छे नहीं लगते। खंडवा के हरसूद का तितली पार्क खूब सुर्खियों में है। नए साल के मौके पर चारखेड़ा के तितलियों के संसार में पर्यटकों ने आनंद उठाया।

खंडवा के इंदिरा सागर जलाशय के बैकवाटर पर स्थित बटर पलाई गार्डन में इन दिनों रंग-बिरंगी तितलियों की बहार है। तकरीबन 73 से लेकर 82 तरह की प्रजातियों की हजारों तितलियां गार्डन में उड़ान भरते हुए देखी जा रही हैं। इनमें प्लेन टाइगर, स्ट्रैप टाइगर, ब्लू टाइगर, कॉमन क्रो, कॉमन रोज, कॉमन मोर्मन, ग्रेट एगफ़लाई, लेमन पेंसिल, बारोंनेट, कॉमन पिरोट, सहित अन्य प्रजातियों की तितलियां शामिल हैं जो इस बैक वाटर पार्क में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

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मध्य प्रदेश के इस सबसे मॉडल बटर फ्लाई गार्डन में स्टील और जालियों का बड़ा डोम स्थापित किया गया है। इसके भीतर ही तितलियों के लिए आवश्यक पौधे भी लगाए गए हैं। इन्हीं होस्ट प्लांट पर तितलियां अंडे देती हैं और नेक्टर प्लांट से भोजन प्राप्त करती हैं। वाइल्ड विशेषज्ञ और तितली पार्क में कार्य कर रहे धर्मेंद्र पारे ने बताया कि ब्लू, प्लेन, स्ट्रैप टाइगर सहित कुछ अन्य प्रजातियों के नर क्रोटोलेरिया के पौधों पर काफी संख्या में झुंड में इन दिनों देखे जा सकते हैं। ये इस पौधे से प्राप्त एल्कलाइड तत्वों को ग्रहण करके अपने शरीर में फेरामौस निर्मित करते हैं। इसकी खुशबू से मादा तितली इनकी ओर आकर्षित होती है।

पारे ने बताया कि तितली पार्क में दो तरह के पौधे लगाए गए हैं। इनमे होस्ट और नेक्टर प्लांट शामिल हैं। होस्ट प्लांट पर तितलियां अंडे देती हैं और नेक्टर प्लांट से भोजन प्राप्त करती हैं। तितलियों के अंडे से 7-8 दिनों में केटरपिलर यानी लार्वा निकलता है। केटर पिलर, होस्ट प्लांट की पत्तियां खाकर 12-13 दिन में प्यूपा (सुनहरे रंग के मोती) में बदल जाता है। उसके बाद 12-14 दिनो में प्यूपा से तितली निकलती है। इनका जीवन 30 से 45 दिनों का होता है।

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आने वाले दिनों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा फिलहाल नर्मदा कि बैक वाटर में सैलानियों को कई तरह की सुविधा देने के लिए वन विभाग ने तैयारियां की है। जिसमें वोटिंग के साथ-साथ वर्ड वाचिंग और अन्य कई तरह की सुविधाओं से इसे लेश किया जा रहा है। डम की भीतरी नहीं डम के बाहर भी बड़ी संख्या में तितलियों का अद्भुत संसार बसाने की भी तैयारी है। बहरहाल तितलियों के इस अद्भुत संसार में आप भी नर्मदा के इस बैक वाटर क्षेत्र मे पहुंच कर तितलियों के इस रंग बिरंगी अद्भुत संसार में खुद को तरोताजा करें।

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